फिर हंगामे की भेंट चढ़ा MCD मेयर का चुनाव, AAP-BJP में तनाव

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राजधानी दिल्ली की जनता अपने नए मेयर के लिए तरस रही है। दिल्ली में मेयर (Delhi MCD Mayor) का पद सियासी सिलबट्टे में कुचला जा रहा है। आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) की सियासी नूराकुश्ती का खामियाजा दिल्ली की जनता को भुगतना पड़ रहा है। 24 जनवरी को भी सदन स्थगित हो गया, मेयर का चुनाव नहीं हो पाया। दोनों पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दंभ भर रही हैं और हंगामे के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही है।

पार्षदों की हुई शपथ, मेयर के लिए इंतजार

दिल्ली नगर निगम में इस बार मेयर की कुर्सी की जंग खत्म ही नहीं हो पा रही। 6 जनवरी को हंगामे के बाद टाला गए मेयर का चुनाव 24 जनवरी को भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। आम आदमी पार्टी और बीजेपी के सियासी सिपहसालारों के बीच सदन में इतनी जबरदस्त जंग हुई कि सदन को स्थगित करना पड़ा। हालांकि सभी पार्षदों की शपथ हो चुकी है, लेकिन मेयर के लिए संग्राम जारी रहेगा।

आम आदमी पार्टी ने किया बीजेपी पर हमला

आम आदमी पार्टी की तरफ से लगातार ये दावा किया जा रहा है कि दिल्ली की जनता ने बहुमत दिया है तो मेयर भी आम आदमी पार्टी का ही होगा। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा। मनीष सिसोदिया और संजय सिंह ने दिल्ली के राज्यपाल वीके सक्सेना से अपील कि है कि वो मेयर का चुनाव कराएं।

बीजेपी ने किया आम आदमी पार्टी पर पलटवार

दूसरी तरफ अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती को लेकर भी आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को जमकर निशाने पर लिया। उधर मेयर का चुनाव टलने के लिए बीजेपी ने पूरी तरह से आम आदमी पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है। बीजेपी के सांसद प्रवेश वर्मा और मनोज तिवारी ने आरोप लगाया है कि  आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने सदन में गाली-गलौच की और हंगामा किया जिसकी वजह से मेयर का चुनाव टल गया।

किसका पलड़ा कितना भारी?

दिल्ली नगर निगम में मेयर की कुर्सी के लिए चल रही जंग में किसका संख्या बल कितना मजबूत है? ये भी देख लीजिए

मेयर का चुनाव जीतने के लिए बहुमत के लिए 138 वोट चाहिए होते हैं लेकिन कांग्रेस (Congress) के चुनाव में हिस्सा न लेने से बहुमत का आंकड़ा 133 हो गया है। ऐसे में इस बार मेयर के लिए मुकाबला बेहद रोमांचक है। संख्या बल में आम आदमी पार्टी आगे हैं लेकिन विजय के लिए बीजेपी का कॉन्फिडेंस भी हाई है। अब देखना ये है कि इस जंग में जीतता कौन है?

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