संजय राउत का बड़ा संकेत, मुंबई में बीएमसी चुनाव अकेले लड़ सकती है शिवसेना यूबीटी

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Maharashtra: शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता बीएमसी चुनाव में अकेले उतरने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि इस चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या लोकसभा और विधानसभा चुनावों से ज्यादा है।

महाराष्ट्र में सियासत में लगातार हलचल मची हुई है। इस बीच, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता संजय राउत ने संकेत दिया कि उनकी पार्टी मुंबई नगर निगम बीएमसी चुनाव में अकेले उतर सकती है, हालांकि वे महा विकास आघाड़ी एमवीए का साथ नहीं छोड़ रहे हैं।

अकेले उतरने की मांग कर रहे हैं

संजय राउत ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता बीएमसी चुनाव में अकेले उतरने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि इस चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या लोकसभा और विधानसभा चुनावों से अधिक है। संजय राउत ने आगे कहा, ‘उद्धव ठाकरे और अन्य पार्टी नेताओं के बीच इस बारे में बातचीत चल रही है। कार्यकर्ता चाहते हैं कि हम अकेले चुनाव लड़ें।

अब तक चुनाव नहीं हुए

शिवसेना ने 1997 से 2022 तक लगातार बीएमसी पर अपना नियंत्रण बनाए रखा था। पिछला मुंबई नगर निगम चुनाव मार्च 2022 में समाप्त हुआ था और अब तक नए चुनाव नहीं हुए हैं।

सांसद संजय राउत ने कहा कि मुंबई में शिवसेना की शक्ति अप्रतिबंधित है और उन्हें विधानसभा चुनावों में अधिक सीटें मिलतीं तो वे जीत सकते थे। उन्होंने कहा कि जब अविभाजित शिवसेना बीजेपी के साथ गठबंधन में थी, तब भी वे बीएमसी और अन्य स्थानीय चुनावों में अकेले चुनाव लड़ते थे और अब भी इसी तरह से चुनाव लड़ने की कोशिश की जा रही है।

सभी ने इस आंदोलन में योगदान दिया

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि राम मंदिर देश के इतिहास में एक आंदोलन था और न केवल बीजेपी और पीएम मोदी ने इसमें योगदान दिया, बल्कि आरएसएस, शिवसेना, वीएचपी और यहां तक कि कांग्रेस सहित सभी ने इस आंदोलन में योगदान दिया।

आप ही ऐसे लोगों को सत्ता में लाए

राउत ने मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने ही ऐसे लोगों को सत्ता में लाया और अब उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर इस देश के इतिहास में एक आंदोलन था। मेरा मानना है कि सभी ने उस आंदोलन में योगदान दिया। न केवल बीजेपी और पीएम मोदी ने इसमें योगदान दिया, बल्कि आरएसएस, बीजेपी, शिवसेना, वीएचपी, बजरंग दल और कांग्रेस ने भी इस आंदोलन में योगदान दिया। यह सही है कि कोई भी व्यक्ति केवल मंदिर बनाकर नेता नहीं बन सकता। यह देश एक मंदिर है, आपको इसे बनाना चाहि मोहन भागवत, आप ही ऐसे लोगों को सत्ता में लाए। इसलिए अब आप जिम्मेदारी लें।

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