मणिपुर हिंसा से मचा बवाल, भीड़ ने फूंका आरोपी का घर

मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने का वीडियो बुधवार यानी की 19 जुलाई को जैसे ही वायरल हुआ पूरे देश में हड़कंप मच गया। इस खौफनाक घटना के वीडियो ने पूरे देश को सन्न कर दिया है। इस हैवानियत भरी घटना से पूरा देश गुस्से में आग बबूला हो गया। इसी बीच महिलाओं के साथ दरिंदगी करने वाले एक मुख्य आरोपी के घर को भीड़ ने फूंक डाला। यह घटना चेकमाई इलाके की बताई जा रही है। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल रहा है। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस बर्बरता ने देश के तमाम लोगों को गुस्से की रस्सी में जकड़ लिया है। लोग खुलकर महिलाओं के कसूरवारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
दरअसल आपको बतातें चलें की महिला केल साथ हुई यह बर्बरता पूर्ण घटना 4 मई को हुई थी। शिकायत 18 मई को दर्ज की गई थी। इसे 21 जून को पुलिस स्टेशन में भेज दिया गया था। और सोशल मीडिया पर नाराजगी के बाद पहली गिरफ्तारी गुरुगुवार को हुई। गिरफ्तारी को कई मायनों में अंजाम देने में मणिपुर सरकार की गति ने उनकी कार्रवाई की पूरी कमी को उजागर कर दिया। एक के बाद एक चूक पर चुप्पी साध ली गई। 77 दिनों तक इस पर पर्दा डालने का प्रयास किया। पहली शिकायत 18 मई को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। शिकायत विस्तृत थी और इसमें घातक हथियार के साथ डकैती, अपहरण, हमला, बलात्कार और हत्या की धाराएं शामिल थीं। मामले को नोंगपोक से कमाई पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने में पुलिस को एक महीने और तीन दिन लग गए। 21 जून को मामला नोंगपोक से कमाई पुलिस स्टेशन के पास आया। ऐसा लगता है कि एफआईआर में देरी की बात स्वीकार की गई है। एफआईआर में ग्राम प्रधान के हवाले से बताया गया है कि भीड़ ने लूटपाट और अन्य घटनाओं को अंजाम दिया।
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