Follow-up: इंश्योरेंस न पॉल्यूशन का प्रमाण…फिर भी दौड़ी साहब की कार

संबंधित कागजात(बाएं), डीएम की कार(दाएं)।
Madhepura DM Car Accident: साहब लोगों पर यातायात के नियम लागू नहीं होते। ऐसा हम नहीं कह रहे…यह तो मधेपुरा डीएम साहब की कार के प्रमाण पत्र बता रहे हैं। साहब की गाड़ी का इंश्योरेंस 2019 में तो पॉल्यूशन 2021 में समाप्त हो चुका है लेकिन फिर भी उनकी कार सड़कों पर बेधड़क फर्राटा भर रही थी। आखिर रोकता भी कौन…।
Madhepura DM Car Accident: कार एक्सीडेंट में गई है तीन की जान
बता दें मधेपुरा डीएम साहब की कार फुलपरास में अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई है। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई तो वहीं एक गंभीर रूप से जख्मी है। हैरान करने वाली बात यह कि जिस कार से एक्सीडेंट हुआ उसका इंश्योरेंस 2019 में ही समाप्त हो चुका है। वहीं कार का पॉल्यूशन भी 2021 में समाप्त हो चुका है।
Madhepura DM Car Accident: वाहन के कागज नहीं थे पूरे
आम नागरिक यदि वाहन के कागज पूरे न करे तो यातायात विभाग उसका चालान काटने में गुरेज नहीं करता। चालान भी 500-1000 से कम का नहीं। वहीं अगर अधिकारियों के वाहन के कागज पूरे न हों तो क्या… कुछ नहीं। इनका चालान आखिर करेगा कौन।
सवालः इतने दिनों में क्यों नहीं काटा चालान
डीएम साहब के वाहन के कागजात खुद इसके गवाह हैं। चार साल पहले इंश्योरेंस खत्म हो चुका है तो दो साल पहले पॉल्यूशन…। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि अधिकारी ही नियमों का पालन न करें तो आखिर इतने दिनों में उनका चालान क्यों नहीं काटा गया। दरअसल वाहन के कागजात जांचने की हिम्मत कौन जुटाए…डीएम साहब की गाड़ी है न भाई…।
Madhepura DM Car Accident: डीपीआरओ बोले, करा में थी खामियां
वहीं इस मामले में डीपीआरओ कुंदन कुमार सिंह ने भी बयान जारी किया है। उनका कहना है कि वाहन में तकनीकी खामियां थीं। तकनीकी खामियों को दूर करवाना था। वाहन तकनीकी खामियों को दूर करवाने के लिए जा रहा था या वापस आ रहा था, यह जांच का विषय है। वहीं उन्होंने डीएम के गाड़ी में होने की बात से भी इनकार किया है।
रिपोर्टः सुजीत श्रीवास्तव, ब्यूरोचीफ, बिहार
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