खोया जनाधार पाने के लिए पुराने समीकरण पर BSP, स्लोगन बदलने से क्या बदलेगी पार्टी की तस्वीर ?
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में बहुजन समाज पार्टी के नारों और स्लोगन में भी बदलाव दिख रहा है। हाल ही में बसपा प्रमुख मायावती ने कांशीराम के समय का चार दशक पुराना नारा ‘वोट हमारा, राज तुम्हारा, नहीं चलेगा’ दिया था और अब मायावती की गुरुवार को हो रहीं चुनावी सभाओं के लिए पार्टी की ओर से जो प्रेस नोट जारी किया गया है, उसमें ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ स्लोगन का प्रयोग किया गया है।
BSP अकेले लड़ रही है चुनाव
पिछले चुनावों तक बसपा के पोस्टरों में ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ था। पार्टी इस बार अपने खोए जनाधार को वापस पाने के लिए अपने पुराने समीकरण पर वापस लौटती दिख रही है। बसपा कार्यालय की ओर से जारी प्रेस नोट में एक पैरा अलग से स्पष्ट किया गया है कि ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ के व्यापक हित और कल्याण के मद्देनजर ही बीएसपी इस लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी अथवा गठबंधन से समझौता किए बिना ही अपनी पार्टी के लोगों के ही तन, मन, धन के बल पर पूरी तैयारी के साथ अकेले यह संसदीय आम चुनाव लड़ रही है।
इस स्लोगन को लेकर पार्टी में भी चर्चा है। वही जानकारों का कहना है कि बहुजन हित को लेकर ही बसपा का गठन हुआ था, बाद में 2007 में स्लोगन में बदलाव करते हुए सर्वजन का इस्तेमाल किया गया, तब से स्लोगन पिछले चुनावों तक बसपा के पोस्टरों और प्रचार में देखा जाता था।
बसपा के बदले हुए नारे पर बीजेपी ने कसा तंज
वही बसपा के बदले हुए नारे पर तंज कसते हुए बीजेपी ने कहा कि विपक्ष हमेशा से तुष्टि करण की राजनीति करता चला आ रहा है और अब जब पूरे देश मे सनातनी माहौल है तो ऐसे नारो का कोई भी असर जनता के बीच मे नही दिखाई देगा।
वही इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार विजय उपाध्याय का कहना है कि बीएसपी ने जो अपने नारे में परिवर्तन किया है..उसमें काफी देर हो गई है लेकिन जिस तरह से बीएसपी अपने पुराने नारो पर लौट रही है और नई लीडरशिप को आगे कर रही है वो बीएसपी के लिए लाभदायक होगा या फिर नही ये तो चुनाव के परिणाम के बाद ही पता चलेगा।
रिपोर्ट- राहुल श्रीवास्तव, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
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