
UP News: लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की सियासत में हलचल मची हुई है। लेकिन बसपा सुप्रीमो ने RLD सुप्रीमो जयंत चौधरी को चुनौती दे डाली है। बता दें, कि जिस सीट से मायावती पहली बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंची उस सीट से जाट प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया है। अब हाथी की इस नई चाल ने पश्चिमी यूपी का सियासी तापमान बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही लोकदल छोड़कर आए चौधरी बिजेंद्र सिंह को बिजनौर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाकर मायावती ने नए समीकरण बनाने के संकेत दे दिए हैं।
जाट कार्ड है मायावती का बड़ा दांव
बताया जा रहा है कि बसपा सुप्रीमो मायावती राजनीति की मंझी हुई खिलाड़ी मानी जाती हैं। बिजनौर लोकसभा सीट पर मायावती ने जाट कार्ड खेलकर सबको चौंका दिया है। और वहीं चौधरी बिजेंद्र सिंह को बिजनौर से प्रत्याशी बनाकर बसपा सुप्रीमो ने मुस्लिम, दलित और पिछड़ों का समीकरण बनाने का प्रयास किया है।
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शमसुद्दीन राइन ने की घोषणा
ऐसा कहा जा रहा है कि बिजनौर लोकसभा के एक बैंक्वेट हॉल में बसपा का एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन किया गया था। जिसमें पश्चिमी यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राइन पहुंचे थे। जिन्होंने चौधरी बिजेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित कर दिया। वहीं शमसुद्दीन राइन ने कहा जहां से बहनजी पहली बार सांसद बनी वहां से चौधरी बिजेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाकर बहनजी ने बड़ा संदेश दिया है और इस सीट की रखवाली की जिम्मेदारी चौधरी बिजेंद्र सिंह को दी है। बस आप चुनाव जिता देना। वहीं इस मौके पर मुरादाबाद मंडल प्रभारी और नगीना सांसद गिरीश चंद्र भी मौजूद रहे।
बहनजी का अहसान नहीं उतार पाऊंगा- चौधरी बिजेंद्र सिंह
हालांकि बिजनौर लोकसभा सीट से बसपा के प्रत्याशी घोषित किए गए चौधरी बिजेंद्र सिंह का कहना है कि बहनजी का अहसान नहीं उतार पाऊंगा। और मुझ जैसे छोटे से इंसान को टिकट देकर बहनजी ने जो उपकार किया उसका हमेशा ऋणी रहूंगा।
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