सोने चांदी की जगह मवेशियों को बेचना लोंगों के लिए हो रहा है फायदेमंद, जानें कैसे?
जिम्बाब्वे इन दिनों आर्थिक संकट से बुरी तरह जूझ रहा है। सरल शब्दों में कहें तो इस देश का हाल भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की तरह होता जा रहा है। यहां के सारे कारोबारों में आर्थिक दीमक बुरी तरह से लग चुकी है। आपको बता दें कि जिम्बॉब्वे में इस तरह के हालात अचानक नहीं हुए हैं। मिली जानकारी के हिसाब से दो दशक से यहां की मुद्रास्फीति के हाल बहुत ही बुरे हैं। हालात इतने खराब हो गए हैं कि अब तो यहां की करेंसी पर से लोगों का भरोसा खत्म हो चुका है।
ऐसे में लोगों ने अपने पास अमेरिकी डॉलर भी रखने शुरू कर दिए हैं। हालात तो इस कदर खराब हुए कि कई दुकानदार स्थानीय करेंसी लेने से ही मना कर दे रहे हैं। ऐसे में विकल्प के तौर पर केंद्रीय बैंक ने यहां सोने का सिक्का लॉन्च किया। इस बीच लोगों का जोर इस पर है कि निवेश ऐसी जगह किए जाएं कि वह सुरक्षित रहे।यानी लोग सोने से ज्यादा मवेशियों को ज्यादा फायदेमंद मानते हैं।
मवेशी पाल रहे इस देश का पेट
आपको बता दें कि मिली जानकारी के हिसाब से जिम्बाब्वे में मवेशियों की हिस्सेदारी 35 से 38 फीसदी है। देखा गया है इस देश का हर चौथा इंसान गौ पालन कर अपनी जिंदगी की तकदीर को बदलने का काम करता है। साधारण भाषा में समझें तो गाय सबसे पहले दूध देती है, जिसके दूध को बेचकर वो अपना घर चलातें हैं, इसके बाद जैसे ही गाय बछरा देती है, इससे गाय की कीमत भी बढ़ जारी है आज यहां के लोग मवेशियों को बेचकर अपने जीवन को आगे बढ़ा रहें हैं वहां के लोगों का ये भी कहना है कि हम जो यहां की बैंक में पैसा जमा करते है तो उतना व्याज नहीं मिलता है, जबकि इन मवेशियों को बेचने में ज्यादा फायदा होता है।