
Raksha Bandhan 2022: हर साल की तरह सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार भाई- बहन के प्यार का प्रतीक होता है। इस बार रक्षाबंधन का त्योहार 11 अगस्त को मनाया जाएगा। अब बात आती है कि आखिर क्यों इसे रक्षाबंधन ही बोला जाता है दरअसल बहन जब भाई की कलाई पर राखी बांधती है तो उसकी रक्षा और लंबी उम्र की कामना करती है इसलिए ही इसे रक्षाबंधन कहा जाता है।
पौराणिक समय से मनाया जा रहा रक्षाबंधन का त्योहार
हिंदु धार्मिक में मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार पौराणिक समय से चला आ रहा है।पहले के समय में मजबूत रेशमी धागे से राखी बनाई जाती थीं और यही राखियां पहले मार्केट में आती थीं और ये ही राखी भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत बनाती थी। लेकिन आज के समय में रंग-बिरंगी और नए-नए डिजाइन की राखियां मिलने लगी हैं। बहने अपने भाइयों के लिए महंगी और सुंदर दिखने वाली राखी खरीदने की कोशिश करती हैं। आज कल बाजार में कुछ राखियां ऐसी भी आने लगी हैं जो देखने में काफी अच्छी लगती हैं, लेकिन ज्योतिष के अनुसार इन्हें भाई की कलाई पर बांधना शुभ नहीं होता है।
राखी खरीदते और बांधते समय इन बातों का रखें खास ख्याल
हिंदु धर्म में काले रंग को अशुभ माना जाता है काला रंग नेगेटिव का प्रतीक माना जाता है इसलिए किसी भी शुभ कार्य में काले रंग का प्रयोग वर्जित माना गया है। इसलिए जिस राखी में काला धागा या किसी भी प्रकार से काले रंग का प्रयोग किया गया हो, उसे न तो खरीदें और न ही भाई की कलाई पर बांधें। साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि भाई की कलाई पर कोई भी देवी- देवता की राखी ना बांधे क्योंकि ये राखियां काफी समय तक भाई की कलाई पर राखी बंधी रहता हैं जिसकी वजह से ये अपवित्र भी हो जाती है और टूट कर भी गिर जाती हैं। जिससे भगवान का अपमान होता है और इसके अशुभ परिणाम भविष्य में भुगतने पड़ सकते हैं।
खंडित राखी को भी भाई की कलाई पर बांधने से बचे
हिंदु धर्म में खंडित चीजों को अशुभ माना गया है इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जब आप बाज़ार जाएं तो एकदम ध्यान से देख के राखी खरीदें क्योंकि त्योहार के समय में मार्केट में भीड़ काफी होती है जिसकी वजह से ये गलती होने की संभवाना हो सकती है और बाय चांस आप खंडित राखी ले भी आते हैं तो भाई की कलाई पर खंडित राखी को बांधने से बचें।