एंटीबायोटिक्स दवाओं के ज्यादा इस्तेमाल से होता है इस बीमारी का खतरा! रहें सावधान
जब कोई बीमारी होती है तो एंटीबायोटिक्स दवाओं का इस्तेमाल करने की सलाह डॉक्टर जरूर देते हैं। ज्यादा एंटीबायोटिक्स का सेवन करने से इसके साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिलते हैं। PLOS One में प्रकाशित हुई नई रिपोर्ट के अनुसार, मिडिल एज में एंटीबायोटिक्स का सेवन करने से व्यक्ति की याददाश्त धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है।
एंटीबायोटिक्स का सबसे ज्यादा प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है। महिलाओं को सबसे ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है। रिसर्चर्स ने पाया कि बैक्टीरियल इंफेक्शन से छुटकारा पाने के लिए एंटीबायोटिक्स का सेवन करने से याददाश्त कमजोर होने लगती है।
इस स्टडी में अमेरिका में रहने वाली 14,542 महिला नर्स को शामिल किया गया था। स्टडी की शुरुआत में सभी महिलाओं की याददाश्त को परखने के लिए एक टेस्ट देने को कहा गया। स्टडी के अंत में खुलासा हुआ कि जिन महिलाओं ने लगातार दो महीनों तक एंटीबायोटिक्स दवाओं का इस्तेमाल किया उनकी याददाश्त एंटीबायोटिक्स का बहुत बुरा प्रभाव देखने को मिला।
ज्यादा एंटीबायोटिक्स का सेवन करने से याददाश्त कमजोर होने की समस्या (डिमेंशिया) बढ़ जाती है। डिमेंशिया होने की स्थिति में पीड़ित के साथ-साथ उसके परिवार को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पीड़ित व्यक्ति अपनी सभी जरूरतों के लिए अपने परिवार पर निर्भर रहने लगता है।
ये हैं डिमेंशिया के मुख्य कारण
- उम्र
- डाइट और एक्सरसाइज
- शराब का अत्यधिक सेवन
- वायु प्रदूषण
- सिर पर गंभीर चोट
- हृदय रोग
- डिप्रेशन
- डायबिटीज
- स्मोकिंग
- शरीर में विटामिन्स और पोषक तत्वों की कमी
डिमेंशिया के लक्षण (Symptoms Of Dementia)
- पुरानी बातों को याद करना
- पुराने किस्सों को बार-बार याद करते रहना
- किसी बात का याद न रहना
- एक ही बात को दोहराते रहना
- बहकी-बहकी बातें करना
- किसी के न होने पर अपने आप से बात करना
- किसी बात को न समझना
- याददाश्त कमजोर होना
- बात करने में लड़खड़ाना
- सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो जाना
- हर समय कुछ न कुछ बोलते रहना
- बातों का याद न रहना
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