UP : खेती की आधुनिक तकनीकों से रूबरू होंगे किसान, योगी सरकार आयोजित कर रही ‘कृषि भारत-2024’ मेला

जानकारी देतीं कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग
Krashi Bharat Mela in UP : कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें उन्होंने बताया कि प्रदेश की राजधानी में यूपी के एक लाख किसान जुटेंगे. ये किसान नई कृषि तकनीक से रूबरू होने के लिए यहां जुटेंगे. उन्होने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर पहली बार यूपी में ‘कृषि भारत 2024’ मेला आयोजित होगा. इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे. यह मेला 15 से 18 नवंबर तक वृंदावन योजना मैदान में आयोजित होगा.
नीदरलैंड होगा पार्टनर कंट्री
उन्होंने बताया कि इसमें प्रदेश के किसानों को नई तकनीकों और सरकारी स्कीम्स के बारे में जानकारी दी जाएगी. इस मेले में पार्टनर कंट्री नीदरलैंड्स होगा. इसमें कृषि उद्योग से जुड़ी देश-विदेश की 200 नामी कंपनियां अपनी प्रदर्शनियां लगाएंगी. इसमें 11 सत्रों के जरिए कृषि विशेषज्ञ, किसानों को नई टेक्नोलॉजी की जानकारियां देंगे. वहीं फार्मिंग में आंत्रप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने पर जोर रहेगा.
पहली बार प्रदेश में हो रहा आयोजन
मोनिका एस गर्ग ने बताया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर 15 से 18 नवंबर तक उत्तर प्रदेश में पहली बार ‘कृषि भारत 2024’ मेला का आयोजन होगा। प्रदेश में कृषि और पशुपालन क्षेत्र में नई तकनीकों को बढ़ावा देने और उत्पादन को बढ़ाने के लिए आयोजित होने जा रहे इस चार दिवसीय मेले का शुक्रवार को राजधानी के वृंदावन योजना मैदान में सीएम योगी के हाथों शुभारंभ होगा।
तकरीबन एक लाख किसान करेंगे प्रतिभाग
इसमें प्रदेशभर के करीब 1 लाख किसानों के जुटने का अनुमान लगाया जा रहा है। मेले में कृषि उद्योग से जुड़े देश और दुनिया के 200 एग्जीबिटर्स अपने उत्पादों और तकनीक की प्रदर्शनियां लगाएंगे। गुरुवार को लोकभवन में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा ‘एग्रो टेक इंडिया – कृषि भारत 2024’ के आयोजन को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।
‘किसानों के कल्याण के लिए चल रहीं कई योजनाएं’
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कृषि उत्पादन आयुक्त, मोनिका एस गर्ग ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है, जहां 75% भूमि कृषि उपयोग में लायी जाती है। उन्होंने बताया कि योगी सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि मानती है और उनके कल्याण के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। चूंकि, प्रदेश में कृषि क्षेत्र में मैकेनाइजेशन की कमी महसूस की जाती रही है। किसान अभी भी पारंपरिक तरीके से खेती कर रहे हैं, जबकि उन्हें लाइन बुवाई और जीरो सीड ड्रिल जैसी तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। इससे न केवल उत्पादकता में वृद्धि होगी बल्कि खेती की लागत भी कम होगी।.
रिपोर्टः विक्रम सिंह राठौर, संवाददाता, लखनऊ, उत्तरप्रदेश
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