Jharkhand: सीएम हेमंत सोरेन ने प्रतिभाओं को किया सम्मानित, 10वीं-12वीं और ओलिंपियाड के स्टूडेंट्स को मिला पुरस्कार

प्रोजेक्ट भवन सभागार में सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य के प्रतिभावान बच्चों को सम्मानित किया। ये वो प्रतिभावान बच्चे हैं जिन्होंने 10वीं और 12वीं की परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। ये बच्चे झारखंड एकेडमिक काउंसिल, सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन और आईसीएसई बोर्ड के हैं। इसके अतिरिक्त स्टेट ओलिंपियाड में टॉप करने वाले स्टूडेंट्स को पुरस्कृत किया गया। बोर्ड परीक्षाओं में टॉप करने वाले 68 और स्टेट ओलिंपियाड के 62 बच्चों को सम्मानित किया गया।
राज्य का हर प्रतिभावान बच्चा होगा पुरस्कृत
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने अभी शुरुआत की है। हमारी सोच रही कि प्रतिभाओं को उनके हिस्से का सम्मान मिले। हमने छात्रों को उनका स्टेट देख कर नहीं, बल्कि उनकी प्रतिभा को सम्मान दिया है। उन्होंने देवघर के रामकृष्ण मिशन स्कूल के 10वीं क्लास के टॉपर को इंगित करते हुए कहा कि वो बच्चा बिहार का रहने वाला है। लेकिन उसने झारखंड से पढ़ाई की। हमने उसकी प्रतिभा को सम्मानित किया है। प्रतिभा का सम्मानित करने में हम राज्य नहीं देखते हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 130 बच्चों को सम्मानित किया गया है। आने वाले साल में इसकी संख्या 320 हो सकती है।
देर से कार्यक्रम शुरू होने पर मांगी माफी
राज्य की प्रतिभाओं को सम्मानित करने का कार्यक्रम निर्धारित समय से तीन घंटे देर से शुरू हुआ। जबकि बच्चों को सुबह 11 बजे से ही प्रोजेक्ट भवन के सभागार में बैठा कर रखा गया। कई अभिभावकों और बच्चों ने कार्यक्रम में देरी को लेकर नाराजगी भी जतायी। मंच पर आने के साथ ही सीएम हेमंत सोरेन ने सभी से माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि कई लोगों को हमसे उम्मीदें हैं। उनकी बातें सुनने की वजह से देरी हुई। सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि इस सम्मान कार्यक्रम के शुरू करने का मकसद बाकि बच्चों को प्रोत्साहित करना है।
आप पढ़ाई करें, सरकार आपके साथ है
बच्चों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि आज की तारीख में आप बेहतर रैंक ले भी आते हैं तो आगे की पढ़ाई के लिए कुछ चीजें आड़े आती हैं। हमने कोशिश यही कि है कि आपके अगले पड़ाव के लिए पैसे की दिक्कत न हो। आज की पढ़ाई में तकनीक जरूरी है। इसी लिए हमने वक्त की जरूरत समझते हुए आपको लैपटॉप और मोबाइल भी दिया है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि आज की तारीख में पॉकेट में पर्स हो या न हो मोबाइल जरूर होना चाहिए।
इनकी रही उपस्थिति
कार्यक्रम में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, मुख्यमंत्री के सचिव विनय चौबे, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग सचिव के रविकुमार, शिक्षा परियोजना निदेशक किरण पासी सहित तमाम पदाधिकारी शामिल थे। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए शिक्षा सचिव के रविकुमार ने कहा झारखंड का भविष्य इन्हीं मेघावी बच्चों के हाथ में है। यह आयोजन दूसरे बच्चों को भी प्रोत्साहित करेगा। यह शुरुआत है।
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