Jamshedpur: DLC द्वारा अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने का दिया गया टाटा मोटर्स को आदेश

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हाईकोर्ट ने जमशेदपुर के उप श्रमायुक्त (डीएलसी) को तीन महीने के अंदर टाटा मोटर्स प्रबंधन को स्थायी प्रकृति के काम करने वाले अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करने की योजना बनाने का निर्देश दिया है। यह जानकारी वरिष्ठ अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने एक प्रेस वार्ता में साकची के एक होटल में पत्रकारों को दी। टाटा मोटर्स प्रबंधन ने कहा की पिछले 30 वर्षों से श्रम कानूनों का उल्लंघन करते हुए अस्थाई कर्मचारियों स्थाई कर्मचारियों के काम को करवाया जा रहा है।

अस्थाई कर्मचारियों को मिलेगा स्थाई कर्मचारियों को मिलने वाला लाभ

कई कर्मचारी 30 वर्षों से अस्थायी रूप से स्थाई कर्मचारियों का काम करते हुए सेवा में लगे हुए हैं। कर्मचारियों को इससे अभी तक कोई लाभ भी नहीं मिल पाया। 2018 में अस्थायी कर्मचारियों ने टाटा मोटर्स प्रबंधन के खिलाफ मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसकी सुनवाई करते हुए मुंबई हाईकोर्ट ने टाटा मोटर्स द्वारा किए जा रहे श्रम कानून के उल्लंघन को सही पाया और वर्ष 2022 सितंबर को कंपनी प्रबंधन को आदेश दिया कि अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करे और जब से वो कार्यरत है उस समय से स्थाई कर्मचारियों को मिलने वाला लाभ भी उन्हें प्रदान करे।

कर्मचारियों ने की याचिका दायर

मुंबई हाईकोर्ट की निर्णय को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया। जब मुंबई हाईकोर्ट का समर्थन मिला तो अस्थाई कर्मचारियों ने मुंबई हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर रांची हाईकोर्ट में याचिका दायर कर न्यायालय से अनुरोध किया कि न्यायालय टाटा मोटर्स प्रबंधन को आदेश दे। उन्होंने आग्रह किया की उन्हें उनका हक दिया जाये। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए डीएलसी को निर्देश दिया कि वह टाटा मोटर्स प्रबंधन से बातचीत करके सभी अस्थाई कर्मचारियों को तत्काल स्थायी कराए और उन्हें स्थायी कर्मचारियों के लाभों को देना शुरू करें।

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