बांग्लादेश अब ‘जिहादिस्तान’ में बदल रहा है- तसलीमा नसरीन
ढाका: मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने उनके देश बांग्लादेश पर जिहादिस्तान में बदलने को लेकर टिप्पणी की है। तसलीमा को उनके प्रसिद्ध उपन्यास ‘लज्जा’ के प्रकाशन के बाद साल 1993 में बांग्लादेश से निकाल दिया गया था। उन्होंने अयोध्या के विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद बांग्लादेश में हिंदू विरोधी दंगों की पृष्ठभूमि में ‘लज्जा’ लिखी।
बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा की घटनाओं से नाराज मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा है कि उनका देश अब ‘जिहादिस्तान’ में बदल रहा है। सरकार अपने राजनीतिक लाभ के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रही है और मदरसे कट्टरपंथियों को पैदा करने में लगे हुए हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि मैं अब इसे बांग्लादेश नहीं कहूंगी। यह जिहादिस्तान बनता जा रहा है। सभी सरकारों ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए धर्म का इस्तेमाल किया। उन्होंने इस्लाम को राजधर्म बना दिया, जिससे वहां हिंदुओं और बौद्धों की स्थिति खराब हो गई है।
बांग्लादेश में पिछले हफ्ते, कोमिला इलाके में एक दुर्गा पूजा पंडाल पर हमला हुआ था। कोमिला, चांदपुर, चटगांव, कॉक्स बाजार, बंदरबन, मौलवीबाजार, गाजीपुर, फेनी सहित कई जिलों में पुलिस और हमलावरों के बीच झड़प हुई थी। रंगपुर जिले के पीरगंज गांव में हमलावरों के एक समूह ने हिंदुओं के 29 घरों में आग लगा दी।
नहीं रखा जाता हिन्दूओं का ध्यान
अपने लेखन के लिए हमेशा कट्टरपंथियों के निशाने पर रही तसलीमा ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू विरोधी भावना कोई नई बात नहीं है और हैरानी की बात यह है कि इसके बावजूद दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए जाते।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री शेख हसीना अच्छी तरह जानती हैं कि दुर्गा पूजा के दौरान हिंदुओं पर हमेशा जिहादियों के हमले का खतरा बना रहता है। तो उनकी सुरक्षा के उपाय क्यों नहीं किए गए?”
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अब दहशत के कारण बचे हुए हिंदू भी वहां नहीं रहेंगे। सरकार चाहती तो उनकी रक्षा कर सकती थी। यह हिंदू विरोधी मानसिकता चिंताजनक है। विभाजन के समय 30 प्रतिशत अल्पसंख्यक थे जो अब नौ प्रतिशत रह गए हैं और आने वाले समय में कम होंगे।