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भारत में जी-20 सम्‍मेलन में होगा अमेरिका और रूस का टकराव, यूक्रेन युद्ध का होगा जिक्र

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G-20 Summit India: भारत इस बार जी-20 सम्‍मेलन का मेजबान है। इस साल के अंत में जब इस सम्‍मेलन का आयोजन होगा तो तय मानिए अंतरराष्‍ट्रीय राजनीति का बड़ा ड्रामा भी देखने को मिलेगा। एक अमेरिकी अधिकारी के बयान के बाद इस बात की आशंका और बढ़ गई है। अमेरिका की जी20 प्रतिनिधिदल की मुखिया क्रिस्टिना सीगल नोल्‍स के एक बयान से लगता है कि जी20 सम्‍मेलन भारत के लिए मुसीबत बढ़ाने वाला हो सकता है। नोल्‍स ने भारतीय अंग्रेजी अखबार हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स को दिए इंटरव्‍यू में कहा गया है कि जी-20 सम्‍मेलन से रूस और यूक्रेन की जंग को अलग नहीं किया जा सकता है। हाल ही में जब भारत में जी-20 देशों के विदेश और वित्‍त मंत्रियों की मीटिंग हुई थी तो इस मसले पर काफी तनाव हुआ था।

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जंग की वजह से आर्थिक अस्थिरता

नोल्‍स ने इंटरव्‍यू में कहा है कि जी-20 के एजेंडे से रूस-यूक्रेन युद्ध को अलग नहीं किया जा सकता है क्‍योंकि इसकी वजह से ही आज दुनिया में खाद्य और ऊर्जा असुरक्षा, महंगाई और वित्‍तीय तंत्र में अस्थिरता है। नोल्‍स ने रूस और चीन का नाम लिए बिना कहा कि जी20 देशों को यूक्रेन संकट के नतीजों के बारे में बताने के लिए फिर से बात करनी पड़ रही है।

इंडोनेशिया में आयोजित जी-20 सम्‍मेलन में सहमति

उनका कहना है कि ऐसा इसलिए है क्‍योंकि दो देशों को वह भाषा पसंद नहीं थी जिस पर उनके नेताओं ने इंडोनेशिया में आयोजित जी-20 सम्‍मेलन में सहमति जताई थी। नोल्‍स के मुताबिक उन 18 देशों के लिए यह स्थिति अत्यावश्यकता जैसी है जो बाली घोषणापत्र से पीछे नहीं हटे हैं। क्रिस्टिना सीगल नोल्‍स अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन की स्‍पेशल सेक्रेटरी हैं। साथ ही वह अंतरराष्‍ट्रीय अर्थव्‍यवस्‍था की वरिष्‍ठ निदेशक भी हैं।

पहले की मीटिंग में ड्रामा

नोल्‍स ने कहा कि अमेरिका की चिंता भारत को लेकर है क्‍योंकि यह चर्चा का मुद्दा नहीं था। लेकिन अब यह फिर से चर्चा का विषय बन गया है क्‍योंकि सबको मिलकर आगे का रास्‍ता तलाशना है। भारत में फरवरी के महीने में जी-20 देशों के वित्‍त और विदेश मंत्रियों की बैठक पर रूस और यूक्रेन को लेकर काफी दुविधा रही थी।

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