भारतीय खिलाड़ी हिमा दास ने अपनी मौत को हराकर जीता खिताब, सुनाई अनसुनी कहानी

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Indian Athlete Story: भारत की स्टार एथलीट हिमा दास की कहानी सुनकर आपकी आंखों में भी आंसू आ जाएंगे। उन्होंने आज अपनी आप बीती एक इंटरव्यू के दौरान बताई। हिमा दास के मुताबिक उनकी जिन्दगी पिछले साल अक्टूबर से बहुत ही संघर्षों से भरी रही है। आपको बता दें कि हिमा दास कोरोना की चपेट में भी आ गई थीं।   

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मौत को मात देकर जीती जिंदगी की जंग

उन्होंने बताया कि मैंने तो मौत को करीब से देखा है। उनके मुतबिक एक समय ऐसा आया था की जब मुझे ऐसा लगा कि अब मेरी जिंदगी चली गई। उन्होंने बताया कि उनका दम घुटने लगा और एक समय तो ऐसा था कि उनकी सांस भी थम सी गई थी। उन्होंने प्रेरणा से भरी हुई एक बात ये भी कही कि जैसे मैं दौड़ में आखरी सांस तक भागती हुं। उसी तरह जीवन की इस रेस में आखरी सांस तक लड़ूंगी। उन्होंने तो यहां तक कहा कि मैंने तो अपनी खिड़की और दरवाजों को भी खोल दिया ताकि उनके मरने के बाद किसी को कोई परेशानी न हो। 

युवाओं को दिया संदेश  

उन्होंने अपनी कहानी में ये भी बताया कोरोना से जब वो पीड़ीत थी, तब उनकी जीव का स्वाद भी चला गया जिसके कारण उनका वजन भी कम हो गया था। और मांस पेशियों में खिचाव के चलते असहनीय दर्द भी हो रहा था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वो प्रैक्टिस करती रहीं और बिना डरे सफलता के लिए संघर्ष करती रहीं।

कांटों भरी राहों से गुजरकर लहराया सफलता का परचम

हिमा दास ने हाल ही में नेशल इंटर-स्टेट चैम्पियनशिप 100 मीटर की दौड़ में 10.43 सेकेंड का समय निकालकर स्वर्ण पदक पदक अपने नाम किया था। हिमा दास की नजरें अब एशियन गेम्स में कुछ अलग कर दिखाने पर लगी हुई है। हिमा दास ने अपनी कहानी से ये साफ कर दिया कि डर के आगे हमेशा जीत होती है।

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