Atal Setu: अब 2 घंटे का सफर तय होगा सिर्फ 20 मिनट में, पढ़े इससे जुड़ी खास बातें

Atal Setu: शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) महाराष्ट्र का दौरा करेंगे। जहां वे 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। जो भारत का सबसे लंबा पुल (India Longest Sea Bridge) है. प्रधानमंत्री ने मुंबई में दोपहर करीब 3:30 बजे ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु’ (Atal Bihari Vajpayee Sewari-Nhava Sheva Atal Setu) का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री शाम करीब 4:15 बजे नवी मुंबई में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखेंगे।
अब बई ट्रांसहार्बर लिंक (MTHL) (Mumbai Trans Harbour Link) को “अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा अटल सेतु” कहा जाएगा। यह अब तैयार है। दिसंबर 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल का उद्घाटन किया था। वे अब इसका भी उद्घाटन करेंगे। 17.840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से अटल सेतु बनाया गया था। यह पुल छह लेन का है और 21.8 किमी लंबा है। यह करीब 5.5 किमी जमीन पर और 16.5 किमी समुद्र के ऊपर बना है।
देश में यह सबसे लंबा पुल है। यह मुंबई और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को कनेक्ट करेगा। मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत के अन्य स्थानों की यात्रा में लगने वाले समय भी कम होगा। यह जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह और मुंबई बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगा। आज से अटल सेतु आम जनता के लिए खुला होगा।
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Atal Setu: देश के सबसे लंबे समुद्री ब्रिज के बारे में जानते है कुछ बातें…
- मुंबई और नवी मुंबई की दूरी सिर्फ 20 मिनट में तय हो सकेगी। अभी दो घंटे का वक्त लगता था। अटल सेतु से मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट और नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के बीच कनेक्टिविटी भी मिलेगी। मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की यात्रा का समय भी कम हो जाएगा।
- अटल सेतु के निर्माण में करीब 177,903 मीट्रिक टन स्टील और 504,253 मीट्रिक टन सीमेंट का इस्तेमाल किया गया है।
- लगभग 18,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। उम्मीद है कि इसके पूरा होने पर प्रतिदिन लगभग 70,000 वाहन चलेंगे और यह 100 वर्ष चलता रहेगा।
- वाहन चालकों को अटल सेतु पर अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा करने की अनुमति होगी। समुद्री ब्रिज पर भारी वाहन, बाइक, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टर की अनुमति नहीं होगी।
- मानसून के दौरान उच्च-वेग वाली हवाओं का सामना करने के लिए विशेष रूप से लाइटिंग पोल डिजाइन किए गए हैं। बिजली से होने वाली संभावित क्षति से बचाने के लिए लाइटिंग प्रोटेक्शन सिस्टम भी लगाया गया है. सेवरी से 8.5 किमी लंबा नॉइज बैरियर स्थापित किया गया है, क्योंकि पुल का हिस्सा फ्लेमिंगो प्रोटेक्टेड एरिया और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र से होकर गुजरता है।
- 2018 से परियोजना को पूरा करने के लिए कुल 5,403 मजदूरों और इंजीनियरों ने रोजाना काम किया। परियोजना पर काम करने के दौरान सात मजदूरों की जान चली गई।
- अटल सेतु को मुख्य मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है, जो राज्य के दो सबसे बड़े शहरों के बीच कनेक्टिविटी को और बढ़ाएगा।
- समुद्र तल से 15 मीटर की ऊंचाई पर बना समुद्री ब्रिज निर्माण का सबसे कठिन हिस्सा था। समुद्री हिस्से में इंजीनियरों और श्रमिकों को समुद्र तल में लगभग 47 मीटर तक खुदाई करनी पड़ी।
- हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि टोल 250 रुपये तय किया गया है। यह अन्य वाहनों के लिए आनुपातिक होगा। हमें स्पष्ट रूप से समझना होगा कि अन्य समुद्री लिंक के लिए टोल 85 रुपये से 90 रुपये है। उस अनुपात के हिसाब से 500 रुपये काफी बड़ी रकम बनती है, लेकिन सरकार ने टोल 250 रुपये तय किया है।
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