संवैधानिक संस्थाओं को अपमानित करने के प्रयासों से हूं व्यथित : जगदीप धनखड़

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New Delhi : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि वह संवैधानिक संस्थाओं को अपमानित करने के प्रयासों से व्यथित हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले लोगों को संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर की शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहिए। हरियाणा के रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि सत्ता के गलियारे जो 10 या 15 साल पहले दलालों की गिरफ्त में थे, अब स्वच्छ हो गए हैं।

धनखड़ ने क्या कहा?

छात्रों से आंबेडकर के जीवन से प्रेरणा लेने की अपील करते हुए धनखड़ ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम पाते हैं कि हममें से कुछ, बहुत कम संख्या में, इसका अनुसरण नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे हमारा दिल दुखी होता है। भारतीयता में विश्वास रखने वाला, भारत का नागरिक, हमारे देश को कैसे नीचा दिखा सकता है। कैसे वह देश में या बाहर जाकर हमारी संवैधानिक संस्थाओं को नुकसान पहुंचा सकता है? उप राष्ट्रपति ने कहा कि ऐसे लोगों के लिए सबक यह है कि वे आंबेडकर की शिक्षाओं का अनुसरण करें। उन्होंने कहा कि मैं कहता हूं, आपको पहले और अंत में केवल भारतीय होना चाहिए और भारतीय के अलावा कुछ नहीं होना चाहिए।

धनखड़ ने क्या दावा किया?

भ्रष्टाचार के संदर्भ में धनखड़ ने दावा किया कि मुझे याद है कि एक दशक या 15 साल पहले शासन के गलियारे सत्ता के दलालों से भरे हुए थे। भ्रष्टाचार के बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि अब स्थिति यह है कि इन गलियारों को दलालों से मुक्त कर दिया गया है। धनखड़ ने कहा कि भारत पहले से कहीं ज्यादा आगे बढ़ रहा है, और यह प्रगति यात्रा, मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि ठहरने वाली नहीं है।

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