धर्मराजनीति

हिमाचल में है भगवान श्रीकृष्ण की 123 वीं पीढ़ी, राजनीति में भी है अच्छा वर्चस्व

देश भर में भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। पूरा देश भगवान श्री कृष्ण के रंग में सराबोर है। वहीं हम आपको भगवान श्री कृष्ण के वंशजों की जानकारी देंगे। बता दें कि भगवान श्री कृष्ण के वंशज उत्तर प्रदेश में नहीं हिमाचल प्रदेश में रहते हैं। वे हिमाचल के सुंदर पहाड़ों में रहते हैं। इस परिवार का प्रदेश की राजनीति में भी बहुत प्रभाव है। हिमाचल प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के परिवार ही श्री कृष्ण के वंशज हैं।

विक्रमादित्य सिंह है भगवान श्री कृष्ण की 123वीं पीढ़ी

वीरभद्र सिंह श्रीकृष्ण की 122वीं पीढ़ी हैं। उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह भगवान श्री कृष्ण की 123वीं पीढ़ी के सदस्य हैं और प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री भी हैं। बुशहर के पदम पैलेस में स्थित वंशावली इसकी पुष्टि करती है। विशेष रूप से, पिता वीरभद्र सिंह के बाद बेटे विक्रमादित्य सिंह भी हिमाचल प्रदेश की राजनीति में चर्चा में रहते हैं। कहा जाता है कि श्री कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न ने सोनितपुर पर राज किया था। वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह सराहन की बुशहर रियासत के सदस्य हैं, जो बाद में सोनितपुर बन गया। वीरभद्र सिंह का एक गंभीर बीमारी के चलते 8 जुलाई 2021 को देहांत हो गया।

हिमाचल के 6 बार मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह

वीरभद्र सिंह भगवान श्री कृष्ण की 121वीं पीढ़ी के सदस्य पदम सिंह की नौवीं पत्नी शांति देवी के बेटे थे। उन्होंने शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से पहले बीए की पढ़ाई की और फिर दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज में बीए की पढ़ाई की। वे हिस्ट्री के प्रोफेसर बनना चाहते थे, लेकिन बाद में राजनीति में आ गए। 1962 में वीरभद्र सिंह ने पहली बार महासू लोकसभा सीट से चुनाव जीता। वीरभद्र सिंह ने पांच बार लोकसभा सांसद और नौ बार विधायक के रूप में कार्य किया है। वीरभद्र सिंह ने 1962 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीतने के अलावा 1967, 1971, 1980 और 2009 में भी सांसद बने। इस दौरान वे पहले केंद्र की इंदिरा गांधी सरकार और फिर मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री भी रहे। वे हिमाचल प्रदेश की मंडी और महासू से सांसद रहे हैं।

पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने 1983 में उन्हें सीधे हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया। 1983 में उन्होंने उपचुनाव जीता। इसके बाद वीरभद्र सिंह 1985, 1990, 1993, 1998, 2003, 2007, 2012 और 2017 में विधायक भी बने। वे रोहड़ू, जुब्बल, शिमला ग्रामीण और अर्की विधानसभा सीटों से विधायक चुने गए। वीरभद्र सिंह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता भी थे। वीरभद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रतिभा सिंह अब हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह सरकार में दूसरी बार चुनाव जीतने के बाद लोक निर्माण मंत्री हैं साथ ही मंडी संसदीय क्षेत्र से सांसद भी हैं।

ये भी पढ़ें – एक देश एक चुनाव: 8 सदस्य की कमेटी की पहली मीटिंग आज से शुरू

Related Articles

Back to top button