यूरोप में Measles के मामलों में वृद्धि ने बढ़ाई चिंता, जानें इस बीमारी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें
दुनिया भर में कई बीमारियां लगातार फैल रही हैं। कोरोना वायरस के बाद Measles ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। बीते कुछ दिनों से यूके में Measles के लगातार मामले सामने आ रहे हैं, जो चिकित्सकों को चिंतित कर रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंगलवार को बताया कि पिछले साल यूरोप में जनवरी से अक्टूबर के बीच मीसल्स के मामले 30000 से अधिक हो गए, जो 2022 की तुलना में 30 गुना अधिक था।
मायो क्लिनिक का कहना है कि Measles वायरस के कारण बचपन में होने वाला संक्रमण है। अब लगभग वैक्सीन से मीसल्स को रोका जा सकता है, जो एक समय बहुत आम थे। यह रूबेला भी कहलाता है और बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है।
Measles के लक्षण
मीसल्स के लक्षण आमतौर वायरस के संपर्क में आने के लगभग 10 से 14 दिन बाद दिखाई देते हैं। इसके लक्षणों आम तौर पर निम्न शामिल होते हैं:-
बुखार
सूखी खांसी
बहती नाक
गला खराब होना
सूजी हुई आंखें
लाल दाने
त्वचा पर चकत्ते
मुंह के अंदर छोटे-छोटे सफेद धब्बे
Measles के कारण
मीसल्स, जिसे खसरा भी कहा जाता है, एक बेहद संक्रामक बीमारी है। इसका मतलब यह है कि यह बहुत आसानी से दूसरों तक फैल सकता है। मीसल्स किसी संक्रमित बच्चे या वयस्क के नाक और गले में पाए जाने वाले वायरस के कारण होता है।
कैसे फैलता है Measles
इतना ही नहीं यह संक्रामक ड्रॉपलेट्स किसी सतह पर भी गिर सकती हैं, जहां वे कई घंटों तक रह सकती हैं और फैल सकती हैं। जब आप अपने मुंह या नाक में अपनी उंगलियां डालते या संक्रमित सतह को छूने के बाद अपनी आंखें रगड़ते से इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं।
Measles से बचाव
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) का कहना है कि वयस्कों और बच्चों को मीसल्स से बचने के लिए खसरे का टीका लगाना चाहिए।
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