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हरियाणा बजट 2025 : किसानों, पशुपालकों और उद्यमियों के लिए सौगातों की बारिश

Haryana Budget 2025-26 : हरियाणा सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में प्रदेश के विकास को नई दिशा देने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री ने बजट में किसानों, पशुपालकों, उद्यमियों और युवाओं के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। सरकारी उपक्रमों के प्रदर्शन में सुधार करते हुए, प्रदेश के 43 सरकारी उपक्रमों का बकाया ऋण वर्ष 2014-15 में ₹69,922 करोड़ था, जो 2023-24 में घटकर ₹68,295 करोड़ रह गया है। बिजली निगमों के ₹25,950 करोड़ के ऋण को सरकार ने उदय स्कीम के तहत अपने खाते में लिया, जिससे वित्तीय दबाव कम हुआ।

इस बार बजट में 11 विभागों की 48 योजनाओं का विलय कर दिया गया है और 20 योजनाओं को समाप्त कर दिया गया है, जिससे सरकारी योजनाओं का बेहतर प्रबंधन संभव हो सकेगा। 2025-26 के लिए कुल बजट ₹2,05,017.29 करोड़ का प्रस्ताव किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.7% अधिक है।

कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए नया कानून लाया जाएगा

कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए किसानों को नकली बीज और कीटनाशकों से बचाने के लिए एक नया कानून लाया जाएगा। सहकारी समितियों के रूप में पंजीकृत किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए नई बागवानी नीति लागू की जाएगी। महिला किसानों को डेयरी, कृषि, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए ₹1 लाख का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। मोरनी के किसानों की आय बढ़ाने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जाएगी। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष 1 लाख एकड़ भूमि को इसके अंतर्गत लाने का लक्ष्य रखा गया है, जो कि पिछले वर्ष के 25,000 एकड़ के लक्ष्य से कहीं अधिक है।

देसी गाय खरीदने पर इतनी मिलेगी सब्सिडी

गाय पालन को प्रोत्साहित करने के लिए देसी गाय खरीदने पर अब ₹25,000 की बजाय ₹30,000 की सब्सिडी मिलेगी, और इस योजना का लाभ अब 2 एकड़ की बजाय 1 एकड़ के किसान भी ले सकेंगे। लवणीय और नमकीन भूमि को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य इस वर्ष 62,000 एकड़ से बढ़ाकर 1,00,000 एकड़ कर दिया गया है। ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के तहत धान छोड़ने वाले किसानों को अब ₹7,000 के बजाय ₹8,000 प्रति एकड़ अनुदान दिया जाएगा। धान की सीधी बुआई पर अनुदान राशि ₹4,000 से बढ़ाकर ₹4,500 प्रति एकड़ और पराली प्रबंधन के लिए अनुदान ₹1,000 से बढ़ाकर ₹1,200 प्रति एकड़ कर दिया गया है।

पलवल में बागवानी अनुसंधान केंद्र बनाया जाएगा

राज्य में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए कई नई योजनाएं लाई जा रही हैं। अम्बाला, यमुनानगर और हिसार में क्रमशः लीची, स्ट्रॉबेरी और खजूर के उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। पलवल में बागवानी अनुसंधान केंद्र बनाया जाएगा। प्रदेश के सभी 22 जिलों में बागवानी मिशन लागू किया जाएगा। जापान सरकार की सहायता से अगले 9 वर्षों में ₹2,738 करोड़ की लागत से सतत बागवानी प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा, जिसके लिए 2025-26 में ₹138 करोड़ का प्रावधान रखा गया है।

गौ-सेवा के क्षेत्र में भी सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। 1,000 पशुओं वाली गौशालाओं को 1 ई-रिक्शा और 1,000 से अधिक पशुओं वाली गौशालाओं को 2 ई-रिक्शा दिए जाएंगे। गौशालाओं की क्षमता बढ़ाने के लिए 51 नए शेड बनाए जाएंगे, जिनके लिए ₹5 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा। हर जिले में एक नया गौ-अभयारण्य स्थापित करने की योजना है। पशुधन बीमा योजना का लाभ अब किसान 10 पशुओं तक ले सकेंगे।

मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाएगा

मत्स्य पालन क्षेत्र में भी सरकार बड़े कदम उठा रही है। सफेद झींगा के उत्पादन की लागत कम करने के लिए सौर ऊर्जा सब्सिडी की सीमा 10 किलोवाट से बढ़ाकर 30 किलोवाट कर दी गई है। सिरसा और भिवानी में सफेद झींगा और मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत एक्वा पार्क उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।

दुग्ध उत्पादन के लिए 70 करोड़ की राशि आवंटित की गई

दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए ‘मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना’ के तहत 2025-26 में ₹70 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। प्रत्येक ब्लॉक में दूध संग्रह केंद्र और हर जिले में शीतलन केंद्र बनाए जाएंगे, जिससे दुग्ध उत्पादकों को बाजार तक बेहतर पहुंच मिलेगी।

राज्य में कृषि प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए हिसार में अमरूद के लिए आधुनिक प्रसंस्करण और पैकेजिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा। सिरसा में किन्नू उत्पादक किसानों के लिए हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन और हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ मिलकर एक जूस प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित करेंगे।

2024-25 में राज्य की GDP बढ़ी

प्रदेश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। 2014-15 में हरियाणा की GDP ₹4,37,145 करोड़ थी, जो 2024-25 में बढ़कर ₹12,13,951 करोड़ हो गई है। इसी दौरान प्रति व्यक्ति आय ₹1,47,382 से बढ़कर ₹3,53,182 हो गई है। वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए राजकोषीय घाटे को 2014-15 के 2.88% से घटाकर 2024-25 में 2.68% कर दिया गया है और इसे 2025-26 में 2.67% पर सीमित रखने का लक्ष्य है।

हरियाणा सरकार का यह बजट प्रदेश को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। किसानों, पशुपालकों, उद्यमियों और युवाओं के लिए की गई घोषणाएं राज्य के विकास को गति देंगी और हरियाणा को एक नए युग की ओर ले जाएंगी। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया है कि सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश को विकसित भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए तैयार कर रही है।

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