बिहार की पहली ट्रांसजेंडर दरोगा बनीं मानवी, बोलीं… बहुत ताने सुने… सपना यहीं खत्म नहीं होता…

First transgender inspector of Bihar
First transgender inspector of Bihar : बिहार पुलिस में पहली बार तीन ट्रांसजेंडर सब इंस्पेक्टर (दरोगा) बने हैं। इन तीनों में दो ट्रांसमेन और एक ट्रांसवूमेन हैं। भागलपुर के एक छोटे से गांव की रहने वाली मानवी मधु कश्यप बिहार की पहली ट्रांसजेंडर दरोगा बनी हैं। बिहार में ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई ट्रांसजेंडर दरोगा बना है।
सफलता का यह सफर मानवी के लिए आसान न था. राह में ऐसी कई बाधाएं थीं जिन्हें याद कर आज भी वो भावुक हो जाती हैं. डबडबाती वो आंखें सिर्फ खुशी ही नहीं उन विपरीत परिस्थितियों के पीड़ादायक पलों की यादें भी अनचाहे ही दिल में ताजा कर रही हैं. मानवी ने वो सब सहा है जो समाज में किसी ट्रांसजेंडर को सहना पड़ता है. ये दर्द तब और भी बढ़ जाता है जो अपने ही आपका साथ छोड़ देते हैं. लेकिन मानवी का हौसला मानों वो दरिया है जो बाधाओं की चट्टानों को चीरते हुए लगातार आगे बढ़ रहा है. वो कहती हैं कि ये सफर अभी खत्म नहीं हुआ है.
मानवी ने कहा कि मैं सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देना चाहती हूं। साथ ही गुरु रहमान सर, जिन्होंने मुझे यहां तक पहुंचाया। उनको भी तहे दिल से धन्यवाद देती हूं। मुझे यहां तक पहुंचने के लिए बहुत ही ज्यादा संघर्ष करना पड़ा।
मानवी ने बताया कि पिछले 10 साल से मैं अपने घर नहीं गई हूं। हम ट्रांसजेंडर हैं तो हमें बहुत बार ताने सुनने को मिले। मैं उन सभी की बातों को इग्नोर करती थी। शिक्षाविद गुरु रहमान ने बताया कि इस बच्ची ने पहले भी कई कोचिंग संस्थान में पढ़ने के लिए ट्राई किया, लेकिन कहीं एडमिशन नहीं मिला। कोचिंग वालों का कहना था कि माहौल खराब हो जाएगा। यह पढ़ने में काफी अच्छी थी। आज मुझे रिजल्ट आने के बाद लग रहा है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी साक्षात उपहार के रूप में सब इंस्पेक्टर मानवी मधु कश्यप के रूप में हमारे सामने हैं।
गुरु रहमान ने कहा कि अब यह बधाई नहीं करेगी। अब यह शोषण की पात्र नहीं बनेगी। अब यह भी कलम उठाएंगी। मानवी कहती हैं मैं इस परीक्षा के लिए 2021 से तैयारी कर रही थी। पटना आने के बाद गुरु रहमान सर से मिली। मैंने उनको बताया कि मैं पढ़ना चाहती हूं और पुलिस विभाग में नौकरी करना चाहती हूं। क्योंकि, यही ऐसा विभाग है, जहां आप पब्लिक के बीच रहकर काम कर सकते हैं। मेरा सपना यहीं खत्म नहीं होता है। मेरा सपना है कि मैं यूपीएससी क्लियर करूं और एक आईएएस अधिकारी बनूं।
मानवी मधु कश्यप की सफलता पर शिक्षाविद गुरु रहमान भावुक हो गए। उन्होंने कहा- इसके पापा कहते थे या तो हमें मार दो या तुम मर जाओ। शुरू में जब यह पटना आई थी तो इससे घर-घर भेजकर बधाई करवाई जाती थी। गलत काम करवाया जाता था। तमाम तरह की प्रताड़ना सहन करने के बाद यह बच्ची मेरे पास आई।
रिपोर्ट : आलोक कुमार झा, संवाददाता, भागलपुर, बिहार
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