खत्म हुआ किसान आंदोलन: सरकार वादे से मुकरी, तो फिर होगा आंदोलन

संयुक्त किसान मोर्चा ने अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला गुरूवार को कर लिया है। एक साल से भी ज्यादा चले इस आंदोलन के खत्म होने का वक्त आ गया है।
किसान नेताओं का कहना है कि वो 11 दिसंबर से अपने-अपने गांवों, कस्बों में लौटना शुरू कर देंगे। हालांकि 15 जनवरी को एक बार फिर से स्थिति की समीक्षा बैठक होगी।
किसान नेताओं का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगे नहीं मांगती तो वो फिर से आंदोलन करेंगे और इस बार वो पीछे नहीं हटेंगे।
पिछले महीने 19 नवंबर गुरू पर्व के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान कर दिया था, जिसके बाद से ही आंदोलन के खत्म होने की उम्मीदें बढ़ गई थी।
उसके बाद से किसान संगठन एमएसपी और किसानों पर चल रहे केसों को वापस लेने की बात पर अड़ी हुई थी। इसके अलावा उनकी मांग थी कि आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए।
मंगलवार को सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्तावा और आंदलोन रद्द किए जाने के बाद से ही सरकार और संगठनों के बीच बातचीत के दौर जारी थे।
जिसके बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार से प्रस्ताव पर स्पष्टीकरण मांगा था।
फिर एक नए दौर की बातचीत के बाद केंद्र सरकार की ओर से गुरूवार को चिट्ठी भेजी गई। और अब संगठनों ने आंदोलन को वापस लेने का फैसला कर लिया।