लता मंगेशकर करिश्मा थीं, शब्दों में नहीं कर सकते बयां: गुलज़ार

गीतकार-लेखक गुलज़ार ने लता मंगेशकर के निधन पर शोक जताते हुए कहा है कि वह एक करिश्मा थीं, जिन्हें महज कुछ शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। लंबे वक्त तक उनकी सहयोगी रहीं लता मंगेशकर के निधन से स्तब्ध गुलज़ार ने कहा कि वह इस क्षति को बयां करने के लिए शब्द तलाश रहे हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत के दौरान गुलज़ार ने कहा, “लता जी अपने आप में एक करिश्मा थीं और ऐसे करिश्मे हमेशा नहीं होते और आज ये करिश्मा मुक़्क़मल हो गया। वह चली गईं। वह करिश्माई आवाज़ के साथ करिश्माई गायिका थीं। उनके लिए शब्द ढूंढना कठिन है। हम उनके बारे में कितना भी कह लें, कम ही होगा। आप उन्हें शब्दों में नहीं समेट सकते।”
लता मंगेशकर और गुलज़ार ने कई फिल्मों में साथ काम किया। उन्होंने ख़ामोशी, किनारा, लेकिन, रुदाली, मासूम, लिबास, दिल से.., सत्या, हू तू तू और माचिस जैसी कई फ़िल्मों में साथ काम किया।

लता मंगेशकर का निधन रविवार को 92 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ था। उन्हें 8 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं। रविवार सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर लता मंगेशकर ने अंतिम सांस लीं।