
ED action on JDU MLC: प्रवर्तन निदेशालय पर अक्सर विपक्षी कार्रवाई आरोप लगाते हैं कि यह केंद्र के इशारे पर कार्रवाई करते हैं। विपक्षी नेताओं को अक्सर कहते हुए सुना जाता है जो नेता या पार्टी एनडीए में ज्वाइन कर लेती हैं उन पर कार्रवाई नहीं होती। फिलहाल ईडी ने इन सभी बातों को धता बताकर जेडीयू एमएलसी के खिलाफ होने वाली कार्रवाई को जारी रखा है। ईडी ने इस कार्रवाई के तहत करोड़ों की संपत्ति अटैच की है। मामला जेडीयू के विधान पार्षद राधा चरण साह से जुड़ा है।
पिछले साल शुरू हुई थी जांच
विपक्षियों का आरोप था कि ईडी की कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। इसलिए जेडीयू एलएलसी पर ईडी आगे क्या कार्रवाई करेगी यह देखना दिलचस्प था। दरअसल राधा चरण साह के खिलाफ गलत तरीके से कमाई के मामले में पिछले साल से ईडी जांच कर रही है। इस मामले में बीते साल राधा चरण साह समेत तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। मंगलवार को ईडी ने इस कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए 39 करोड़ की संपत्ति अटैच की है।
प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट तहत कार्रवाई
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट 2002 के तहत यह कार्रवाई की गई है। इसके तहत जेडीयू एमएलसी की 26.19 करोड़ रुपये की दो अचल संपत्तियों को प्राथमिक तौर पर बंधक रखा गया है।
दो आरोपी धनबाद निवासी
बताया गया कि ब्रॉडसंस कॉमोडिटीज़ प्राइवेट लिमिटेड में हेरफेर के मामले में यह कार्रवाई की गई है। वहीं एमएलसी के बालू सिंडिकेट में सहयोगी झारखंड के धनबाद निवासी जगनारायण सिंह और उनके बेटे सतीश कुमार सिंह की तीन संपत्तियों को भी ईडी ने अटैच किया है। इनकी कीमत 5.14 करोड़ के करीब है। बैंक के एफडी खाते (अनुमानित रकम 7.82 करोड़) को भी ईडी ने अटैच किया है। अर्थात पिता-पुत्र की 12.96 करोड़ की संपत्ति को ईडी ने अटैच किया है। बताया जाता है कि पिता-पुत्र बालू कारोबार से जुड़े आदित्य मल्टीकॉम में डायरेक्ट्रेट ग्रुप के ऑफीसर्स हैं।
राधा चरण के आवास पर हुई थी जांच
पिछले साल ईडी ने अवैध कमाई के मामले में राधा चरण सेठ के भोजपुर स्थित आवास पर जांच की थी। यह जांच कई दिनों तक चली थी। इसी के साथ एमएलसी के बालू सिंडिकेट के सहयोगियों के यहां भी जांच हुई थी।
उस वक्त लगे थे ये आरोप
आरोप है कि राधा चरण ब्रॉडसंस कॉमोडिटीज और आदित्य मल्टीकॉम की आड़ में अवैध कमाई कर रहे थे। इन सभी जानकारियों के आधार पर यह जांच शुरू की गई थी। उस वक्त आरोप लगे थे कि भाजपा से अलग होने पर जेडीयू एमएलसी को परेशान किया जा रहा है। इस मामले में राधा चरण सेठ, जगनारायण सिंह और सतीश सिंह को गिरफ्तार भी किया गया था।
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