
Dhanteras 2024 : धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन को धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी और स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए विशेष माना जाता है। धनतेरस पर लोग आमतौर पर सोना, चांदी, बर्तन, और अन्य धातु की वस्तुएं खरीदते हैं, जिससे घर में समृद्धि का आगमन होता है। इस वर्ष धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर 2024 को शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06:30 से लेकर 08:12 बजे तक रहेगा।
मां लक्ष्मी मंत्र जाप
धनतेरस पर पूजा की तैयारी के लिए सबसे पहले घर की सफाई की जाती है, ताकि मां लक्ष्मी का स्वागत किया जा सके। इसके बाद घर को फूलों और रंगोली से सजाया जाता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। पूजा के समय लक्ष्मी और कुबेर मंत्रों का जाप करना लाभकारी माना जाता है।
लक्ष्मी मंत्र “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं श्रीं लक्ष्म्यै नमः” का जाप करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन और समृद्धि की वृद्धि होती है।
भगवान कुबेर के मंत्र जाप
धनतेरस पूजा विधि में सबसे पहले दीप प्रज्वलित कर मां लक्ष्मी, भगवान धनवंतरी, और भगवान कुबेर की प्रतिमाओं का पूजन किया जाता है। प्रसाद के रूप में मिठाई और उपहार चढ़ाए जाते हैं। पूजा से पूर्व धनतेरस की कथा सुनना इस पर्व के महत्व को समझने के लिए आवश्यक माना गया है।
कुबेर मंत्र “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये, धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा” और “ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नेमः” का जाप करना चाहिए।
धनतेरस के इस विशेष अवसर पर लक्ष्मी और कुबेर की कृपा से धन, सुख, और समृद्धि में वृद्धि होती है। पूरे वर्ष आर्थिक स्थिरता और धन के आगमन की कामना के साथ, धनतेरस की पूजा एक महत्वपूर्ण और शुभ अवसर है।
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