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रक्षा बजट बढ़ाने पर विचार, मोदी सरकार ने किया आधुनिक तकनीक और हथियारों पर फोकस

Delhi News : ऑपरेशन सिंदूर के बाद केंद्र सरकार रक्षा बजट में 50,000 करोड़ रुपए की वृद्धि कर सकती है. सरकार को रक्षा मंत्रालय की ओर से फंड बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, इस मामले को नवंबर-दिसंबर के दौरान शीतकालीन सत्र में मंजूरी दी जा सकती है. सूत्रों की मानें तो इस साल के अंत में पूरक बजट के माध्यम से अतिरिक्त धनराशि आवंटित किए जाने की उम्मीद लगाई जा रही है, जिसके बाद उम्मीद है कि कुल रक्षा व्यय 7 लाख करोड़ रुपये के पार चला जाएगा.

2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में रक्षा के लिए रिकॉर्ड

इससे पहले भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को प्रस्तुत 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में रक्षा के लिए रिकॉर्ड 6.81 लाख करोड़ रुपये फैसला किया गया था. वहीं यह आंकड़ा पिछले वर्ष के 6.22 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 9.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.

हाईटेक और आधुनिक हथियारों पर फोकस

अब देखना यह है कि अगर अतिरिक्त आवंटन को मंजूरी मिल जाती है, तो यह सैन्य आधुनिकीकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कितना बहतर साबित होता है. सूत्रों ने बताया कि अतिरिक्त धनराशि को अनुसंधान और विकास, उन्नत हथियारों की खरीद, गोला-बारूद, अत्याधुनिक सैन्य हार्डवेयर के अधिग्रहण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लगाया जाएगा. शीतकालीन सत्र के दौरान इस प्रस्ताव को संसद की मंजूरी के लिए पेश किए जाने की उम्मीद है.

हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल की शुरुआत 2014 से ही रक्षा खर्च में तेजी देखी गई है. जिसके बाद रक्षा मंत्रालय को 2014-15 में 2.29 लाख करोड़ रुपये आवंटितकिए गए. देखने वाली बात है कि मौजूदा बजट न केवल उस आंकड़े को छोटा दर्शाता है, बल्कि सभी मंत्रालयों में एक बड़ा आवंटन भी है, यह राष्ट्रीय बजट का 13 प्रतिशत है.

Defence Budget बढ़ाने की हो रही तैयारी

22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत की निर्णायक सैन्य प्रतिक्रिया ‘ऑपरेशन सिंदूर’पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढांचे को निशाना बनाकर किए गए यह ऑपरेशन भारत की बढ़तीरणनीतिक संकल्प, क्षमताओं को दर्शाता है.

‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारतीय सेना को उन्नत तकनीकों के साथ एकीकृत करने की ओर भी ध्यान दिया है. इतना ही नहीं इस ऑपरेशन ने भारत के एयर डिफेंस सिस्टम की ताकत को भी प्रदर्शित किया है, जिसमें स्वदेशी आकाश मिसाइल भी शामिल है.

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