Delhi : बदइंतजामी, गंदगी का अंबार, लोग लाचार, डूसू जिम्मेदार
Delhi :
जहां सोच वही शौचालय की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यानी केंद्र सरकार की तरफ से की गई थी जिससे लोगों को सुविधाएं सुरक्षा मर्यादा और देश को साफ-सुथरा किया जा सके लेकिन जहां शौचालय वहां गंदगी का भरमार यह तस्वीर सीधे तौर पर बयान कर रही है।
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शौचालयों की तस्वीर कर रही सच्चाई बयान
दिल्ली ( Delhi ) के कालकाजी के नेहरू कैंप जज बस्ती जनजीवन कैंप का यह शौचालय है जो कि दिल्ली सरकार की तरफ से बनाया गया है लेकिन इसके संभालने का काम डूसू कर रहा है। शौचालय के अंदर की तस्वीर साफ तौर पर है ताला तो लगा है दरवाजे में लेकिन यह ताला किसी काम का नहीं है। क्योंकि नीचे दरवाजा ही आधा खुला हुआ है इसके और अंदर चलते हैं यह शौचालय है लेकिन गंदगी का इस कदर भरमार है कि यहां पर जो नाली बनाई गई है यहां से पानी और मल मूत्र भी साफ तौर पर बह रहा है पान गुटका बीड़ी सिगरेट के यहां पर पूछ पड़े हुए हैं बोतल पड़ी हुई है और दरवाजे इस कदर है कि दरवाजा बंद रखें या खोलें एक ही बात है।
बद से बदत्तर महिला शौचालयों की तस्वीर
यह तस्वीर पुरुष शौचालय की है लेकिन अगर महिला शौचालय देखें तो दरवाजे की जगह यहां पर कंबल का पर्दा किया गया है और इस कंबल में भी एक बड़ा सा हॉल बनाया गया है टाइल्स टूटी हुई है दीवारें बिल्कुल झज्जर हो चुकी है और जो डस्टबिन है बिल वह भी बिल्कुल खुले में रखा गया है जहां से 100 तरीके की बीमारियां भी लोगों को हो रही है जल ही जीवन कहा जाता है लेकिन नलों में या तो जगह पर नल नहीं लगे हैं और अगर जो लगे हैं उन नल से भी पानी बह रहा है यानी बद से बत्तर स्थिति इन शौचालय की हो चुकी है।
आमजन को हो रही परेशानी
दिल्ली सरकार ( Delhi) ने शौचालय बनाया और शौचालय की तस्वीर भी सीधे तौर पर दिख रहे हैं लेकिन आम जनता को इससे कितनी परेशानी है कौन है इसका जिम्मेदार? और क्या कुछ है इनकी मांगे इसे लेकर हिन्दी ख़बर की संवाददाता कंचन अरोड़ा ने यहां पर मौजूद आम जनता से बात की और आमजन की समस्या का हाल जाना।
बदलते रहते हैं ठेकेदार
Delhi लोगों का कहना है कि दिल्ली सरकार ने यह शौचालय जज बस्ती के लोगों के लिए बना करके दिया था लेकिन इसकी साफ सफाई और देखभाल की जिम्मेदारी दूसरों पर है। लेकिन रूसो लगातार अपने ठेकेदार बदलते हैं और वह ठेकेदार यहां पर सफाई नहीं करते हैं हम सब जब कार्यालय जाते हैं।
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फोन जाने पर होती है सफाई
वहां से फोन जाता है तो सफाई होती है 10 से 15 दिन तक गंदगी इसी तरीके से भरी रहती है कई तरीके की बीमारियां होती हैं महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करती है और इस गंदगी के वजह से महिलाओं को गिरकर चोट भी लग चुकी है यहां पर मौजूद हर किसी का यही कहना है कि हम चाहते हैं यह साफ हो और डूसू इस गंदगी का जिम्मेदार है। लेकिन अब देखना होगा कि शौचालय की गंदगी के बीच आम जनता की यह मांगे कब पूरी होती है और क्या डूसू इस पर गंभीरता से कोई काम करती है।
रिपोर्ट: दिल्ली से संवाददाता कंचन अरोड़ा की रिपोर्ट
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