
Delhi में एक मई की सुबह पॉश इलाके सिविल लाइन्स में बिल्डर रामकिशोर अग्रवाल Ramkishor Agrawal की हत्या का मामला सामने आया था. रामकिशोर अग्रवाल 76 साल के थे. जिसका दिल्ली पुलिस Delhi Police ने खुलासा कर दिया है. इस केस में पुलिस ने 2 नाबालिग लड़कों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से कैश, विदेशी करेंसी और कीमती सामान को बरामद कर लिया है. आरोपियों में से एक पीड़ित के घर में काम भी कर चुका है.
ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस के मुताबिक कातिलों की पहचान से लेकर उनके पकड़ने तक में CCTV की अहम भूमिका रही. पुलिस ने करीब 500 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली. इसके अलावा पुलिस ने टेक्नीकल सर्विलांस की भी मदद ली. CCTV की जांच में पुलिस को दो लड़के वारदात की सुबह से पहले वाली रात बाइक पर लेन में आते हुए नज़र आए, लेकिन दोनों बाइक पर जाते हुए नहीं दिखे.
इसके बाद पुलिस ने जांच बढ़ाते हुए पता लगाया कि दोनों आरोपियों ने बाइक को एक दिन पहले ही छिपा दिया था और रात में पैदल ही वापस चले गए. इसके बाद अगले दिन सुबह रिक्शा से वारदात की जगह पर पहुंच गए. बाद में तय की गई रणनीति पर रामकिशोर के घर में घुसकर वारदात को अंजाम दिया. बाद में बाइक को कहीं छिपा दिया था.
पुलिस ने आरोपियों के रूट को तलाशना शुरू कर दिया. उनके मूवमेंट की जानकारी इकट्ठा की. इसके लिए पुलिस ने कॉलोनी के आसपास, मेन रोड और मेट्रो के तकरीबन 500 CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली. इतनी मशक्कत के बाद पुलिस ने आरोपियों की मूवमेंट पर नज़र रखनी शुरू कर दी. पुलिस को उसके मेट्रो कार्ड की भी जानकारी मिली. जिसके बाद तमाम स्टेशन पर आरोपी के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया.
मेट्रो कार्ड से मिला अलर्ट
इसके बाद आरोपियों ने जैसे ही मेट्रो से कहीं जाने का प्लान बनाया. 3 मई को जैसे ही आरोपियों ने मेट्रो कार्ड को राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर स्वैप किया, वैसे ही पुलिस को अलर्ट मिल गया और फिर पुलिस ने उसे पकड़ लिया. पुलिस ने तीन दिन में ही बिल्डर हत्याकांड का खुलासा कर दिया.