
Delhi : दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को विधानसभा का टिकट देने के बाद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने एक और आरोपी को चुनाव में उतारने का फैसला किया है। AIMIM ने शिफा उर रहमान को ओखला विधानसभा से चुनाव लड़वाने का ऐलान किया है।
शिफा उर रहमान दिल्ली दंगों के केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं और उन पर UAPA का केस लगा हुआ है। वह जामिया एलुमनाई के प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं। यह फैसला AIMIM के उस फैसले के बाद आया है जब उन्होंने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को विधानसभा का टिकट दिया था।
शिफा-उर-रहमान ने CAA/NRC प्रोटेस्ट में निभाई थी बड़ी भूमिका
CAA/NRC विरोध प्रदर्शनों में प्रमुख भूमिका निभाने वाले शिफा-उर-रहमान को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने ओखला से चुनावी मैदान में उतारा है। रहमान का नाम ऐसे नेताओं में शामिल है जो इस क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के बीच प्रभाव रखते हैं।
इसके साथ ही AIMIM ने दिल्ली दंगों के आरोपी और पूर्व आम आदमी पार्टी नेता ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से टिकट दिया है। हुसैन पहले आम आदमी पार्टी के सदस्य थे, लेकिन अब AIMIM के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे।
AIMIM का यह कदम पार्टी की चुनावी रणनीति और नए समीकरण बनाने की कोशिशों को दर्शाता है, जो आगामी विधानसभा चुनावों में अहम भूमिका निभा सकता है।
ताहिर हुसैन को भी दिया टिकट
ओवैसी ने ताहिर हुसैन को लेकर एक्स पर ऐलान किया था। जिसमें उन्होंने लिखा कि, ‘MCD पार्षद ताहिर हुसैन AIMIM में शामिल हो गए हैं। आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में वो मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से हमारे उम्मीदवार होंगे। उनके परिवार के सदस्यों और समर्थकों ने आज मुझसे मुलाकात की और पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया।’
दिल्ली में विधानसभा चुनाव का ऐलान
दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने आज तारीखों का ऐलान कर दिया है। चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर एक चरण में ही मतदान होगा। 5 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे।
दो सीटों पर उप-चुनाव का ऐलान
दिल्ली विधानसभा चुनाव की हलचल के बीच चुनाव आयोग ने दो महत्वपूर्ण विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर दिया है। उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर और तमिलनाडु की इरोड सीट पर 5 फरवरी को उपचुनाव होगा। इन सीटों के नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। इन उपचुनावों में भी राजनीतिक दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। उत्तर प्रदेश में मिल्कीपुर सीट पर जातिगत समीकरणों का प्रभाव रहेगा, जबकि इरोड सीट पर क्षेत्रीय मुद्दे और स्थानीय राजनीति अहम भूमिका निभाएगी।
दिल्ली में जहां आम आदमी पार्टी, भाजपा और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय संघर्ष देखने को मिलेगा, वहीं इन उपचुनावों में स्थानीय दल भी अपनी रणनीति से चुनावी समीकरण बदलने की कोशिश करेंगे। ये उपचुनाव न केवल संबंधित राज्यों के लिए, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति के लिए भी अहम साबित हो सकते हैं। अब सभी की निगाहें 5 और 8 फरवरी पर टिकी हैं, जब चुनाव और नतीजों से राजनीतिक दिशा तय होगी।
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