Crime: बदमाशों को सताया एनकाउंटर का डर, अतीक के शूटर ने किया आत्मसमर्पण
Crime: उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही माफिया अतीक और उसके करीबियों पर लगातार पुलिस का कहर बरप रहा है।
अतीक के शूटर ने किया आत्मसमर्पण Crime
उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही उत्तर प्रदेश में सराकर और प्रशासन काफी एक्टिव नजर आ रही है। माफियाओं के खिलाफ पुलिस का एक्शन लगातार जारी है। जिसके चलते यूपी में गुंडे, बदमाशों के अंदर भी अब पुलिस का खौफ नजर आ रहा है। इसी कड़ी में अब अतीक अहमद के शूटर अब्दुल कवि ने बुधवार को आत्मसमर्पण कर दिया। शूटर अब्दुल बसाप विधायक राजू पाल की हत्या करने के बाद से फार चल रहा था।
एनकाउंटर के डर से किया आत्मसमर्पण Crime
माफिया अतीक के शूटर अब्दुल कवि ने बुधवार को लखनऊ की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद से पुलिस आरोपियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है। माना जा रहा है कि पुलिस की कार्रवाई करने के तरीके से डरकर और एनकाउंटर के डर से अब्दुल कवि ने आत्मसमर्पण किया है। 25 जनवरी 2005 को राजू पाल हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआई ने शूटर अब्दुल कवि का नाम उजागर किया था।.
अब्दुल कवि की संपत्ति की गई थी जप्त
2005 में हुए राजू पाल हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी थी। इसी कड़ी में पुलिस व सीबीआई ने अब्दुल कवि के घर 14 फरवरी को कुर्की का नोटिस चस्पा किया। पुलिस की कार्रवाई से अब्दुल कवि के करोड़ों के आर्थिक साम्राज्य पर चोट पहुंची थी। लेकिन उसके बाद ही 24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में हत्या कर दी गई। पुलिस के मुताबिक अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ ने उमेश पाल की हत्या को अंजाम दिया है।
आरोपियों ने ली थी अब्दुल के घर शरण
उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस को घटना में शामिल शूटरों के अब्दुल कवि के घर में छिपने की खबर मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने तीन मार्च को अब्दुल कवि के घर पर तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान अब्दुल कवि या कोई अन्य शूटर तो नहीं पकड़ा गया। लेकिन घर से पांच नाजायज असलहे, देशी बम और भी कई चीजें बरामद की गई। इस मामले में पुलिस ने अब्दुल कवि समेत 11 सदस्यों के खिलाफ गंभीर धारा में मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं घटना में शामिल अब्दुल कवि के भाई अब्दुल कादिर को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया गया।
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