देश की पहली पैरा कमांडो बनी महिला सर्जन, रचा नया इतिहास

देश की पहली पैरा कमांडो बनी महिला सर्जन, रचा नया इतिहास

देश की पहली पैरा कमांडो बनी महिला सर्जन, रचा नया इतिहास

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हरियाणा की बेटी पायल छाबड़ा ने देश भर में एक नया इतिहास रच दिया है। कैथल जिले के कलायत निवासी पायल छाबड़ा ने सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में डॉक्टर के रूप में काम करते हुए प्रशिक्षित पैरा परीक्षा पास की है और अब वे पैरा कमांडो बन गयी है। युवाओं के लिए पायल छाबड़ा एक प्रेरणा है। पायल छाबड़ा के लिए लद्दाख आर्मी अस्पताल में डॉक्टर रहते हुए ये मुकाम हासिल करना आसान नहीं था। उन्होंने इसके लिए बहुत मेहनत की है।

सर्जन से पैरा कमांडो बनी पायल छाबड़ा

पायल छाबड़ा ने अपनी सफलता को लेकर कहा कि पैरा कमांडो बनने का रास्ता आसान नहीं है। हिम्मत और कुछ कर गुजरने का जज्बा इसे स्पेशल बनाता है। उनका कहना था कि प्रशिक्षण सुबह तीन से चार बजे होता है। उन्हें 20 से 65 किलोग्राम वेट लेने और 40 किलोमीटर तक दौड़ने जैसे कई काम करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए दिलचस्पी होनी चाहिए। नौकरी करने वाले युवा लोग हिम्मत खो देते हैं, लेकिन दृढ़ इरादे वाले लोग सफल होते हैं। इसके लिए दोनों शारीरिक और मानसिक फिटनेस आवश्यक है।

पायल का लक्ष्य था राष्ट्रीय सेवा

बता दें कि 13 जनवरी 2021 को पायल छाबड़ा को कैप्टन के पद पर पहली बार आर्मी अस्पताल अंबाला कैंट में नियुक्त किया गया था। पायल के भाई-भाभी का कहना है कि पायल को देश भर और विदेश में कई निजी स्पेशलिस्ट अस्पतालों से अच्छे प्रस्ताव मिले, लेकिन उन्होंने राष्ट्र सेवा का लक्ष्य अपनाया। पायल के माता-पिता भी कहते हैं कि उन्होंने पायल की एक बेटे की तरह परवरिश की है। वहीं हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने इस कामयाबी के लिए पायल छाबड़ा को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि कैथल जिले के कलायत कस्बे की बेटी पायल छाबड़ा ने रचा इतिहास। बनी देश की पहली लड़की जिसने आर्मी में सर्जन होते हुए पेरा प्रोबेशन क्लियर किया है। बेटी पर सभी को गर्व है। भारत माता की जय।

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