
देशभर में 77वां स्वतंत्रता दिवस खूब धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी सीआरपीएफ के जवानों और ऑफिस स्टाफ के साथ अपने आवास पर तिरंगा फहराया।
दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत देश भाषण देने से विश्वगुरु नही बनेगा बल्कि देश को विश्वगुरु बनाने के लिए नियत और विजन की ज़रुरत है। अरविंद केजरीवाल ने बताया कि यदि सच में भारत देश को विकसित देश और विश्वगुरु बनाना है तो इसके लिए लंबे भाषण के बदले आधारभूत सुविधाएं जैसे अच्छी शिक्षा, पानी, बिजली, स्वास्थ्य लोगो को मुफ्त में मुहिया करवाना अनिवार्य हैं और भारत देश के लिए इसे पूरा करना कोई बड़ी बात नहीं हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देश को विश्वगुरु बनाने के लिए नियत और विजन की ज़रुरत है साथ ही अपने संबोधन में केजरीवाल ने बताया कि किस तरह भारत को विश्वगुरु बनाया जा सकता हैं।
दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में सीएम केजरीवाल ने संबोधित करते हुए कहा कि अगर सारे बिजली के प्लांट चलने लग गए, इतने सारे स्कूल-कॉलेज और मोहल्ला क्लीनिक खुल जाएंगे। जिससे 3 करोड़ लोगों को रोज़गार मिलेगा। किसी को ये चिंता करने की ज़रूरत नहीं है कि बच्चे को शिक्षा और घर वालों का इलाज कैसे होगा। तीन तीन सुरक्षा चक्र मिलेंगे। दिल्ली में आज देश में सबसे कम महंगाई इसलिए है क्योंकि बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य मुफ़्त हैं। संसाधन की कमी नहीं, विज़न की कमी है, नीयत की कमी है।
सीएम केजरीवाल ने कहा कि देश का व्यापारी दुखी है — जीएसटी इतना Complicated है। वो कहते हैं धंधा करें या जीएसटी करें? हमारे देश का उद्योगपति ईमानदारी से धंधा करना चाहता है। चाणक्य ने कहा था कि राजा को टैक्स ऐसे लेना चाहिए जैसे मधुमक्खी फूल से शहद लेती है, पता ही न चले।
सीएम केजरीवाल ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले ऑर्डिनेंस लाकर और फिर क़ानून बना कर दिल्ली की जनता के अधिकार छीन लिए गए। मैं स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर सभी को आश्वासन देता हूँ कि आपको आपके अधिकार वापस दिलाकर रहेंगे। हम सुप्रीम कोर्ट में इस लड़ाई को लड़ेंगे। आप चिंता मत करना, आपकी फ्री बिजली, फ्री पानी, मुफ़्त और अच्छी शिक्षा, मुफ़्त और अच्छा इलाज और महिलाओं का मुफ़्त बस सफ़र जारी रहेगा। मैं किसी भी हालत में दिल्ली के काम रुकने नहीं दूंगा।
आज देश में हर तरफ मारधाड़, नफ़रत, लड़ाई-झगड़े चल रहे हैं। मणिपुर के बारे में सोच कर तकलीफ होती थी। आज हमने एक छोटी सी कोशिश की है। 150 मणिपुर के बच्चों को बिना स्कूल लिवींग सर्टिफिकेट के दिल्ली के सरकारी स्कूलों में एडमिशन दिया है। उन बच्चों की काउंसिलिंग की जा रही है, उन्हें नॉर्मल ज़िंदगी मे वापस लाने की कोशिश की जा रही है।