
चीन ने दुनिया का सबसे शक्तिशाली हाइपरसोनिक इंजन बनाया है। उसकी पहली जांच भी हुई है। इस इंजन की शक्ति इतनी बढ़ गई कि कोई विमान या मिसाइल 19,600 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।
एक वैज्ञानिक चमत्कार है ये इंजन!
इस इंजन को पूरी दुनिया एक वैज्ञानिक चमत्कार मान रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस इंजन के साथ एक विमान जमीन से 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ सकता है और आराम से 19,600 किमी/घंटा की गति प्राप्त कर सकता है। एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक इस गति से जाने में एक घंटा या कुछ कम समय लगेगा। इस इंजन का एक अन्य लाभ यह है कि यह कम फ्यूल खपत करता है। चीन की सेना ने इस इंजन को बनाया है, जो बीजिंग पावर मशीनरी इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक झांग यिनिंग और उनकी टीम ने बनाया है। इस इंजन के बारे में बहुत कुछ नहीं पता है। चाइनीज जर्नल ऑफ प्रोपल्शन टेक्नोलॉजी ने हाल ही में इसके बारे में एक अध्ययन रिपोर्ट प्रकाशित की।
इंजन की खासियत
यह इंजन दो अलग-अलग मोड में काम करता है। पहले सब-मैक 7 मोड आता है। यानी 8575 km/h पर चलता है। यह लगातार डेटोनेशन इंजन रोटेशन (RDE) है। इंजन को गति देने के लिए बाहर से आने वाली हवा फ्यूल से मिलती है। जो शॉकवेव को जन्म देता है। दूसरा मोड है जो मैक-7 से ऊपर है। इसकी गति 19,600 km/h है। RDE कॉन्सेप्ट पर इस समय जापान और नासा काम कर रहे हैं। लेकिन इन लोगों ने प्रोटोटाइप इंजन पर काम किया है। ऐसा इंजन अभी तक बनाया नहीं गया है। लेकिन चीन ने इसे बनाया है। चीन इस इंजन को मिसाइल में डालकर खतरनाक हाइपरसोनिक मिसाइल बना सकता है। जो सिर्फ कुछ मिनट में हर जगह पहुंच जाएगा। उसे रोकना या निशाना लगाना भी मुश्किल होगा।
पूराने की कंपेयर में नया इंजन है खास
रिसर्च रिपोर्ट में झांग यिनिंग और उनकी टीम के सदस्यों ने इस इंजन की विशेषताओं और क्षमताओं को नहीं बताया है। वह कहते हैं कि यह इंजन 80 प्रतिशत काइनेटिक एनर्जी से केमिकल एनर्जी बनाता है। किसी भी सामान्य टर्बोफैन इंजन से यह कई गुना बेहतर है। पुराने इंजन सिर्फ 20-30 प्रतिशत एनर्जी बदल सकते थे।