Britain PM Election 2022 : कौन बनेगा अगला ब्रिटिश पीएम, ऋषि सुनक या लिज ट्रस ? चुनाव परिणाम कल
Britain PM Election 2022 : ब्रिटेन के अगले पीएम की घोषणा 5 सितम्बर को होगी जिसके लिए कंजरवेटिव पार्टी (Conservative Party) के लगभग 1.6 लाख वोटर पोस्टल बैलेट के माध्यम से शुक्रवार को वोट डाला। जिस उम्मीदवार को नेता चुना जाएगा वही 5 सितम्बर को नए ब्रिटिश पीएम के रूप में शपथ लेगा। हालांकि बैलट वोटिंग से पहले टीवी डिबेट में ऋषि सुनक (Rishi Sunak) और लिज ट्रस (Liz Truss) के बीच ज़ोरदार बहस हुई थी। दोनों ने आर्थिक, सामाजिक और विदेश नीति के मसलों पर एक दूसरों को घेरा।
खास बात यह है कि एक ही पार्टी से होने के अलावा ट्रस और सुनक बोरिस जॉनसन सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। विदेश नीति के मसले पर हुई बहस के दौरान दोनों ने एक दूसरे पर तीखा प्रहार किया था। ऋषि सुनक ने ट्रस पर चीन का ‘एजेंट‘ बन काम करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि ट्रस के शिक्षा मंत्री रहते हुए चीन ने कन्फ्यूशियस इंस्टिट्यूट खोलकर ब्रिटेन में अपनी दखलअंदाजी तेज की है और यदि वह प्रधानमंत्री बने तो ब्रिटेन के असली ‘दुश्मन‘ चीन के खिलाफ सख्ते कदम उठाए जाएंगे।
इस पर लिज ट्रस ने पलटवार करते हुए सुनक पर दोगलेपन का चरित्र अपनाने का आरोप लगाया था और कहा था कि वित्त मंत्री रहते हुए सुनक ने चीन के साथ मजबूत मजबूत व्यापारिक रिश्ते कायम की पैरवी की थी।
चुनाव नतीजों से पहले आए तकरीबन हा प्री पोल सर्वे में ऋषि सुनक को लिज ट्रस से पीछे बताया गया है। हालांकि, उम्मीदवारी की घोषणा के वक्त ऋषि सुनक लिज ट्रस से आगे बताए गए थे। प्री पोल सर्वे के नतीजों में पिछड़ने के बाद भी सुनक के समर्थक उनके जीतने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि बोरिस जॉनसन ने भी प्री पोल सर्वे में पिछड़ने के बावजूद जीत दर्ज की थी।
बता दें कि ऋषि सुनक भारतीय के मूल्य के है और विदेशी मूल का होने के कारण उनकी दावेदारी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऋषि सुनक दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद है। उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति और उनके पास इंफोसिस के कई शेयर हैं जिनसे उनकी कुल संपत्ति ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से भी अधिक बताई जा रही है।
क्यों ऋषि सुनक को लेकर है विवाद ?
ऋषि सुनक ब्रिटिश पीएम के चुनाव में भले ही बढ़त बनाए हुए है लेकिन हालिया सर्वे में उनको ट्रस के मुकाबले पिछड़ता हुआ दिखाया जा रहा है। इसके पीछे मूल कारण उनका विदेश मूल का होना बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो खुद पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन ने कंजरवेटिव पार्टी के सांसदों से सुनक की बजाय ट्रस को समर्थन की अपील की है। बोरिस जॉनसन सरकार से इस्तीफा देने वाले पहले मंत्री ऋषि सुनक ही थे और उन्हें ही जॉनसन के पीएम पद से इस्तीफा देने के पीछे मुख्य कारण माना जाता है।
भारत के सन्दर्भ में देखें तो विदेश मामलों के विशेषज्ञों का मत है कि जिस तरह ऋषि सुनक ने चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है उससे चीन के साथ जारी सीमा विवाद और संघर्ष के मुद्दे पर सुनक के पीएम के बाद भारत को ब्रिटेन का समर्थन प्राप्त हो सकता है जिससे उसे वैश्विक पटल पर चीन के खिलाफ मोर्चा बनाने में एक साझीदार देश मिल सकता है।