Sri Guru Tegh Bahadur Ji : पंजाब के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग को वर्ष 2025 के दौरान श्री गुरू तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित समागमों को मनाने के लिए नोडल विभाग के रूप में जिम्मेवारी सौंपी गई थी. विभाग के मंत्री तरुनप्रीत सिंह सौंद ने बताया कि श्री गुरू तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस संबंधी करवाए गए समागम संगतों के चेतना में सदियों तक बसे रहेंग, उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 के दौरान गुरू साहिब के आशीर्वाद से और मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में पंजाब सरकार द्वारा किए गए सफल समागमों की दुनिया भर की संगत ने प्रशंसा की है.
उन्होंने बताया कि गुरू साहिब के जीवन को दर्शाते लाइट एंड साउंड शो पूरे जिलों में करवाए गए. इसके अलावा श्री आनंदपुर साहिब में 20 से 29 नवंबर तक ड्रोन शो ने दुनिया भर की संगत का ध्यान खींचा. 23 से 25 नवंबर तक श्री आनंदपुर साहिब की धरती पर दुनिया भर से संगत ने हाजिरी भरी और राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रबंधों जिसमें टेंट सिटी, शटल बस सर्विस, मीडिया सेंटर और धार्मिक-सामाजिक समागमों की सराहना की.
गुरु साहिब से जुड़े समागमों की शुरुआत
सौंद ने बताया कि गुरू साहिब से संबंधित समागमों की शुरुआत 25 अक्टूबर को दिल्ली में गुरुद्वारा सीस गंज साहिब से हुई थी. इसके बाद विभिन्न जिलों में लाइट एंड साउंड शो के अलावा अन्य धार्मिक एवं शिक्षात्मक समागम करवाए गए. 18 नवंबर को श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में कीर्तन दरबार करवाया गया और अगले दिन 19 नवंबर को वहां से नगर कीर्तन सजाया गया. इसके अलावा तलवंडी साबो, फरीदकोट एवं गुरदासपुर से भी नगर कीर्तन सजाए गए. ये चारों नगर कीर्तन 22 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब में संपन्न हुए.
भाई जैता जी की यादगार मानवता को समर्पित
उन्होंने कहा कि श्री गुरू तेग बहादुर जी की बसाई धरती श्री आनंदपुर साहिब की काया कलप के लिए भी पंजाब सरकार ने वर्ष 2025 के दौरान बड़े कार्य आरंभ किए हैं. श्री आनंदपुर साहिब की पवित्र धरती पर भाई जैता जी की यादगार में इतिहास को रूपमान करने वाली पांच गैलरियां मानवता को समर्पित की गई हैं. इस यादगार का कुल क्षेत्र 5 एकड़ है. इसमें से कवर्ड क्षेत्र लगभग 2 एकड़ है और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र 3200 वर्ग फुट है.
पांच गैलरियां संगत को समर्पित
इस यादगार को दो भागों में पूरा किया गया है. पहले भाग में इमारत का निर्माण पूरा करके फरवरी 2024 में समर्पित कर दिया गया था. सितंबर महीने में मुख्यमंत्री द्वारा संगत को समर्पित किए गए दूसरे भाग में इमारत के दोनों विंगों के अंदर गुरू साहिब एवं भाई जैता जी के जीवन को दर्शाती पांच गैलरियां बनाई गई हैं. पहले भाग पर 17 करोड़ रुपये की लागत आई थी जबकि दूसरे भाग पर 3 करोड़ रुपये की लागत आई है. विरासत-ए-खालसा में भी नौवें पातशाह से संबंधित एक प्रदर्शनी गैलरी का मुख्यमंत्री ने 23 नवंबर को उद्घाटन किया.
तख्त श्री केसगढ़ साहिब का विरासती मार्ग
उन्होंने आगे बताया कि सिखों के महान तख्त श्री केसगढ़ साहिब को जाने वाले रास्ते को सफेद रंग के संगमरमर से विरासती मार्ग के रूप में विकसित किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट पर कुल 18 करोड़ रुपये की लागत आएगी. 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत कर दी है और करीब 10 महीनों में इसे पूरा कर लिया जाएगा. सौंद ने बताया कि मेन रोड से तख्त श्री केसगढ़ साहिब तक कुल 580 मीटर लंबे मार्ग पर सफेद संगमरमर लगाया जाएगा और कुल छह प्रवेश गेट बनाए जाएंगे.
नवजन्मी बच्चियों के लिए समानता का संदेश
सौंद ने कहा कि इस महान समागम एवं कार्यों से अलावा पर्यटन विभाग ने वर्ष 2025 के शुरू में ही खन्ना में ‘धियों की लोहड़ी’ मनाई. नवजन्मी बच्चियों को समाज में समानता का अधिकार दिलाने और सूबे के लिंग अनुपात में और सुधार लाने के लिए धियों की लोहड़ी जैसे समागम खास भूमिका अदा करते हैं.
फतेहगढ़ साहिब में जहाज हवेली पुनः बहाली
उन्होंने बताया कि फतेहगढ़ साहिब स्थित जहाज हवेली की पुनः बहाली एवं संभाल-संबाल के लिए इस साल महत्वपूर्ण प्रशासनिक फैसले लिए गए. पंजाब सरकार ने फतेहगढ़ साहिब में दीवान टोडर मल के ऐतिहासिक निवास स्थान जहाज हवेली की पुनः बहाली शुरू करके सिख विरासत को सुरक्षित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया. दीवान टोडर मल, जिन्होंने गुरू गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह एवं माता गुजरी जी की शहादत के बाद उनके संस्कार के लिए जमीन खरीदी थी, की हवेली को इसकी पुरानी छवि देने के लिए दीवान टोडर मल विरासती फाउंडेशन, पंजाब अपनी देखरेख में कार्य कर रही है.
पंजाब में बसंत मेला और ग्रामीण ओलंपिक
इसके अलावा पंजाब के संस्कृति की प्रफुल्लता एवं परंपरागत खेलों की शानो-शौकत बरकरार रखने के लिए फिरोजपुर में दो रोजा राज्य स्तरीय बसंत मेला करवाया गया. पंजाब के प्रमुख खेल मुकाबलों में से एक किला रायपुर ग्रामीण ओलंपिक का उद्घाटन खुद पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के मंत्री ने किया था. 13 से 16 फरवरी तक पटियाला विरासती मेला करवाया गया. इस मेले में हेरिटेज वॉक, फूड फेस्टिवल, संगीतमय शाम, एयरो शो, नेचर वॉक, फूलों की प्रदर्शनी एवं फैशन वॉक समेत विभिन्न दिलकश कार्यक्रम करवाए गए.
तरुनप्रीत सिंह सौंद ने कहा कि पंजाब सरकार सूबे के पर्यटन को विश्व स्तरीय बनाने और संस्कृति एवं परंपरागत खेल-त्योहारों की प्रफुल्लता के लिए वर्ष 2026 के दौरान और अधिक तीव्रता, सुहिर्दता एवं लगन से कार्य करेगी.
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