75 सालों में कितनी बदली भारत की तस्वीर, रुपये, अर्थव्यवस्था, कृषि और महंगाई में कितना आया फर्क, जानें
भारत इस साल 15 अगस्त को अपनी आज़ादी के 75 साल पूरा कर रहा है। इस मौके को खास मनाने के लिए इसे अमृत महोत्सव को रूप में मना रहा है तो ऐसे में आज हम आपको एक महत्वपूर्ण बात बताने जा रहें हैं कि देश ने इन 75 सालों में अपनी अर्थव्यवस्था, कृषि,और मंहगाई में अपने आप को कितना सशक्त मनाया है।
75 वर्षों में खाद्यान्न मामले में आत्मनिर्भर हुआ भारत
आजादी के कई साल बाद भी भारत खाद्यान्न की समस्या से जूझता रहा साल था 1965 यानी भारत-पाक के बीच युद्ध के बाद देश के आर्थिक हालात कमजोर हो गए थे। ऐसे में भारत में अमेरिकी सरकार के एक अमेरिकी रिसोर्स इकोनॉमिस्ट लीस्टर में ब्राउन ने अनुमान लगाया कि भारत में अनाज की भारी कमी होने वाली है लेकिन अब ये समस्या थोड़ी कम हो चुकी है इन 75 वर्षों में देश खाद्यान्न मामले में आत्मनिर्भर हुआ और इसके साथ ही भारत अन्य देशों को भी खाद्य सेवाएं उप्लबध करा रहा।
भारत के इंटरनेशनल ट्रेड के हिस्से में हुई बढ़ोतरी
75 सालों में लगातार भारत के इंटरनेशनल ट्रेड के हिस्से में काफी बढ़ोतरी हुई है। इस बीच कैलकुलेशन के आधार पर ब्राउन ने अमेरिका के रिसोर्स इकोनॉमिष्ट लीस्टर को उस समय सबसे बड़ी फूड शिपमेंट के लिए तैयार कर लिया था। लेकिन उस समय में भी भारत ने अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी देश के आगो हाथ नहीं फैलाए थे उस वक्त भारत को आजाद हुए केवल 18 साल हुए थे लेकिन आज 75 वर्ष पूरे होने पर भारत में कई बदलाव देखे गए इनमें सबसे बड़ा है खाद्यान्न क्योंकि भारत की खाद्य सेवाओं से कई देश भूखमरी से बचें हुए हैं।
1960 तक भारत में खाद्यान्न को बड़ी मात्रा में आयात किया जाता था।
• 1950 में भारत का कुल खाद्यान्न उत्पादन 5.49 करोड़ टन था।
• 2020-21 में बढ़कर 30.5 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच गया है।
• बीते कई बरसों से गेहूं, चीनी जैसे सामानों का तो भारत में लगातार रिकॉर्ड उत्पादन हो रहा है।
1992 के बाद अर्थव्यवस्था में आई मजबूती
1947 से 1980 के बीच अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 9 फीसदी से लेकर माइनस 5 फीसदी के दायरे में रही यानी इसमें काफी तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला 1992 से 2019 तक विकास दर 4 से 8 फीसदी के दायरे में ही बनी रही यानी समय के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता के साथ मजबूती देखने को मिली।