जानिए कौन है Bilkis Bano, जिनके दोषियों के रिहा होने पर भड़के ओवैसी

2002 में गोधरा कांड के बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे और इसी दंगे के दौरान 3 मार्च 2002 को दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में भीड़ ने Bilkis Bano के परिवार पर हमला किया था। बिलकिस बानो, जो उस समय पाँच महीने की गर्भवती थी, उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उसके परिवार के सात सदस्यों की दंगाइयों ने निर्मम हत्या कर दी।
बिलकिस बानो के परिवार के हत्या मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई हुई जिसपर खुद बानो ने निराशा जताई है। बिलकिस बानो ने कहा है कि 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई ने न्याय में उनके विश्वास को हिला कर रख दिया है और उन्हें स्तब्ध कर दिया है।
दोषियों के रिहाई पर भड़के ओवैसी
वहीं, इनकी रिहाई से AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी भड़के । ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस पर दिए भाषण को याद दिलाते हुए उन्हें घेरने की कोशिश की है। ओवैसी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी मुस्लिम महिलाओं की बात आती है तो भाजपा सब भूल जाती है और सिर्फ जुबानी तौर पर ही महिलाओं की इज्जत की बात करती है।
क्यों हुए थे दंगे
27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे को जला दिया गया था। इसमें अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। इसके बाद गुजरात में दंगे भड़क गए थे।