सरकार ने सांसदों को सदन से निलंबित करने की संस्कृति कर ली है विकसित : कपिल सिब्बल
New Delhi : संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बड़ी संख्या में सांसदों को निलंबित किया गया है। इन सांसदों पर असंसदीय आचरण करने का आरोप है। लेकिन, विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार तानाशाही-पूर्ण रवैया अपना रही है और विपक्षी सांसदों की बातों को अनसुना किया जा रहा है। सदन से निलंबित किए गए सांसदों ने पीएम मोदी और अमित शाह से जवाब मांगा है। विपक्ष का आरोप है कि 13 दिसंबर को दर्शक-दीर्घा से 2 लोगों का सदन के अंदर कूदना बड़ी खुफिया विफलता है।
कपिल सिब्बल ने क्या कहा?
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार ने सांसदों को सदन से निलंबित करने की संस्कृति विकसित की है। जैसे ही, आप किसी बात का विरोध करते हैं, तो कहा जाता है कि आपकी बात रिकॉर्ड पर नहीं जाएगी। फिर, सांसदों के चर्चा में हिस्सा लेने का मतलब क्या है?
कार्ति चिदंबरम ने क्या कहा?
कार्ति चिदंबरम ने कहा कि कल जो हुआ वह बड़ी सुरक्षा और खुफिया विफलता थी। हम चाहते हैं कि सरकार सदन में बयान दें। गृह मंत्री या प्रधानमंत्री को 13 दिसंबर की घटना के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए। सांसदों को यह भी बताना चाहिए कि आने वाले दिनों में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए सरकार क्या कदम उठाने जा रही है?
सरकार सदन में बयान नहीं देने पर अड़ी हुई है
कार्ति चिदंबरम ने कहा कि सरकार सदन में बयान नहीं देने पर अड़ी हुई है। पीएम मोदी या गृह मंत्री शाह के बयान की मांग करने और सदन के भीतर अपना विरोध दर्ज कराने के कारण सरकार विपक्षी सांसदों की आवाज दबा रही है। 15 सांसदों को बाकी बचे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से सदन के पटल पर स्पष्ट बयान देने की मांग कर रही हैं।
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