
आज 25 जुलाई यानी सोमवार को द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। भारतीय संविधान के मुताबिक भारत के चीफ जस्टिस एन वी रमण राष्ट्रपति को की शपथ दिलाई। यह शपथ ग्रहण समारोह दिल्ली में संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित किया जा रहा है। द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनीं है।
द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद की शपथ के बाद भाषण दिया। मुर्मू ने शपथ लेने के बाद कहा, मैं देश की पहली ऐसी राष्ट्रपति हूं, जिसका जन्म स्वतंत्र भारत में हुआ था। स्वतंत्र भारत के नागरिकों के साथ हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें अपने प्रयासों में तेजी लानी होगी।
राष्ट्रपति ने करगिल दिवस की शुभकामनाएं दीं
भाषण में आगे मुर्मू ने कहा, ’26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस भी है। ये दिन, भारत की सेनाओं के शौर्य और संयम, दोनों का ही प्रतीक है। मैं आज, देश की सेनाओं को तथा देश के समस्त नागरिकों को कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देती हूं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है।मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है।
मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने महत्वपूर्ण कालखंड में चुना- द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू ने कहा, मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा। ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है।
बता दे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति है। मुर्मू ओडिशा की रहने वाली है। इससे पहले वो झारखंड की राज्यपाल भी रही है।
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