सांसद अभिषेक बनर्जी ने फिल्म और खेल जगत की हस्तियों को घेरा, कहीं ये बात

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Bengal News: तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देने में फिल्म और खेल जगत की हस्तियां चुप्पी साधे रहीं। जबकि अन्य मुद्दों पर वे लोग खुलकर बोलते हैं। उन लोगों का महिमामंडन करना बंद करें जो साहस और जवाबदेही से ज्यादा अपने करियर और आराम को प्राथमिकता देते हैं।

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन के बाद खेल और फिल्म जगत की हस्तियों की चुप्पी को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने निराशाजनक बताया। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देने में फिल्म और खेल जगत की हस्तियां चुप्पी साधी रहीं। जबकि अन्य मुद्दों पर खुलकर बोलते हैं।

सबसे महान राजनेताओं में से एक

तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भारत ने अपने सबसे महान राजनेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह को खो दिया है। उन्होंने अपने अपार ज्ञान और दूरदर्शी नेतृत्व के जरिये देश की अर्थव्यवस्था को नया आकार दिया। वर्ष 1991 के आर्थिक सुधारों के वास्तुकार के रूप में उनका योगदान भारत को विकास और वैश्विक मान्यता के मार्ग पर ले जाने में अद्वितीय है। उनको राजनीति क्षेत्र से जुड़े हर व्यक्ति ने श्रद्धांजलि दी।

हस्तियों की चुप्पी बेहद चौंकाने वाली

सांसद अभिषेक बनर्जी ने एक्स पर लिखा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर खेल व फिल्म उद्योग की प्रमुख हस्तियों की चुप्पी बेहद चौंकाने वाली और निराशाजनक है। रोल मॉडल माने जाने वाली हस्तियों की डॉ. सिंह के निधन पर चुप्पी उनकी अनिच्छा, उनकी प्राथमिकताओं, जिम्मेदारी और ईमानदारी पर सवाल उठाती है। ऐसा लगता है कि यह चुप्पी सरकार की प्रतिक्रिया के डर के चलते हैं। क्योंकि राष्ट्रीय मुद्दों पर चुप रहना इन तथाकथित आइकन में से कई के लिए आदर्श बन गया है।

ये हस्तियां चुप रही हैं

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उदासीनता का यह कोई नया चलन नहीं है। पहले भी किसान आंदोलन, सीएए-एनआरसी और मणिपुर संकट के दौरान भी ये हस्तियां चुप रही हैं। ऐसे गंभीर मुद्दों पर उनकी चुप्पी आम नागरिकों के संघर्षों से उनके चिंताजनक अलगाव को उजागर करती है। उन्होंने जनता की प्रशंसा का लाभ उठाकर अपनी संपत्ति और प्रसिद्धि बनाई है, फिर भी वे उस समय कदम उठाने से कतराते हैं जब देश को उनकी सबसे अधिक जरूरत होती है।

महिमामंडन करना बंद करें

सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम यह विचार करें कि हम किसे रोल मॉडल के रूप में देखते हैं। उन लोगों का महिमामंडन करना बंद करें जो साहस और जवाबदेही से ज्यादा अपने करियर और आराम को प्राथमिकता देते हैं। इनके बजाय हम उनका सम्मान और समर्थन करें जो वास्तव में हमारे देश और समाज के लिए योगदान देते हैं। जैसे हमारे स्वतंत्रता सेनानी, सैनिक और वे व्यक्ति जो व्यापक भलाई के लिए अपना बलिदान देते हैं।

सामूहिक चेतना में बदलाव लाएं

उन्होंने यह भी कहा कि 140 करोड़ भारतीयों की शक्ति अपार है। अब समय आ गया है कि हम उन लोगों से ईमानदारी और जवाबदेही की मांग करें, जिन्हें हम आइकन के रूप में ऊंचा उठाते हैं। आइए इस नए साल 2025 में हमारी सामूहिक चेतना में बदलाव लाएं और उन लोगों को महत्व दें जो न्याय, लोकतंत्र और राष्ट्र की भलाई के लिए खड़े हैं। साथ ही अपनी ऊर्जा और संसाधनों को सार्थक कार्यों में लगाएं। किसी बच्चे की शिक्षा का समर्थन करें, किसी जरूरतमंद परिवार को खाना खिलाएं या किसी संघर्षरत व्यक्ति का उत्थान करें।

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