Bareilly News: मत्स्य पालकों और मछुआरों को आर्थिक रूप से मजबूत करेगी ये योजना

Share

Bareilly News: मत्स्य पालन, मत्स्य आखेट पर निर्भर निर्धन मत्स्य पालकों और मछुआरों को आर्थिक रूप से मजबूत और स्वावलंबी बनाने के लिए निषादराज बोट सब्सिडी योजना लागू की गई है। इससे बरेली जिले में करीब सैकड़ों लोगों को लाभ मिलेगा। जिले में 1000 से अधिक मत्स्य पालक और 15 से अधिक नाविक हैं। जिन्हें लाभ दिलाने के लिए सीडीओ जग प्रवेश ने तैयारी शुरू करा दी है।

इन लोगों को होगा लाभ

सीडीओ ने मत्स्य पालकों को लाभ दिलाने के लिए बैठक कर एक जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) गठित करने के लिए समस्त औपचारिकताएं पूरी कराने और योजना का प्रचार प्रसार कराने के लिए सहायक निदेशक मत्स्य विभा लोहनी को निर्देश दिए हैं। जिसमें डीएलसी के सीडीओ अध्यक्ष होंगे। जिलाधिकारी द्वारा नामित मत्स्य विभाग से इतर एक जनपद स्तरीय अधिकारी, वित्त एवं लेखा संवर्ग का अधिकारी और सहायक निदेशक मत्स्य / मुख्य कार्यकारी अधिकारी सदस्य बनाए जाएंगे। शासनादेश के अनुसार योजना का लाभ केवट, मल्लाह, निषाद, बिंद, धीमर, कश्यप, बाथम, रैकवार, मांझी, गोडिया, कहार, तुरैहा आदि बिरादरी के लोगों को मिलेगा। 

इस योजना में 0.67 लाख की अधिकतम सीमा तक की वुडेन फिशिंग बोट या फाइबर रिइनफोर्ड प्लास्टिक बोट एफआरपी बोट, जाल, लाइफ जैकेट एवं आइस बॉक्स आदि पर 40 – प्रतिशत अनुदान की सुविधा दी जाएगी यह योजना 10 प्रतिशत राज्यांश और 60 प्रतिशत अंश के फंडिंग पैटर्न पर आधारित होगी। वुडेन फिशिंग बोट या एफआरपी बोट की लंबाई 15 से 18 फीट तक होगी।

वहीं मत्स्य पालन करने वाले चार हेक्टेयर या उससे अधिक क्षेत्रफल के तालाब के पट्टाधारक, इससे अधिक क्षेत्रफल के तालाब के पट्टाधारक, निजी तालाबों के स्वामित्व धारक एवं मत्स्य आखेट के साथ नौकायन में लगे हुए मछुआ समुदाय के व्यक्ति ऐसे अभ्यर्थी जिनके पास पूर्व से नाव न हो, आवेदन के लिए पात्र होंगे। इसके लिए शासनादेश के अनुसार इच्छुक लाभार्थी योजना का लाभ लेने के लिए विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन या मत्स्य विभाग के जनपदीय कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें: Basti: जिलाधिकारी ने लिया नदी की सफाई का जिम्मा, खुद चलाया फावड़ा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *