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Assembly elections : ‘यह चाचा-भतीजे की लड़ाई नहीं है’ बारामती सीट को लेकर बोलीं सुप्रिया सुले

Assembly elections : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए 20 तारीख को वोट डाले जाएंगे। 23 नवंबर को मतगणना होगी। ऐसे में पार्टियों में बारामती सीट पर कैंपेन शुरू हो गया है। सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह एनसीपी महाराष्ट्र वर्जेस बीजेपी अदृश्य शक्ति है। हमारे यहां हमेशा से ऐसा होता है, जब से 1967 में पहली बार शरद पवार साहब चुनाव लड़े थे।

बारामती से सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि हमारी लड़ाई बीजेपी के साथ है. एक व्यक्ति के साथ नहीं है. मुझे नहीं लगता कि यह पवार वर्सेज पवार है। यह एनसीपी महाराष्ट्र वर्जेस बीजेपी अदृश्य शक्ति है। हमारे यहां हमेशा से ऐसा होता है, जब से 1967 में पहली बार शरद पवार साहब चुनाव लड़े थे. दादा और दीदी जी ने शुरू किया था. यही हमारे संस्कार हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि बारामती की सीट से अजीत पवार मैदान में उतर गए हैं। इसके साथ ही उनका मुकाबला अपने भतीजे से है। इसी पर ही बयान आ रहे हैं। दरअसल बारामती सीट अजीत पवार का गढ़ मानी जाती है। कुछ महीने पहले अजित पवार ने बगावत कर दी थी। जिससे एनसीपी में दो फाड़ हो गया था।

अजित पवार ने कहा था

जानकारी के लिए बता दें कि अजित पवार ने 2014 में बीजेपी उम्मीदवार को हराया था। इसके साथ ही 2019 की बात करें तो दोबारी सीट जीत ली थी। 195,641 को वोट मिले थे। बीजेपी के प्रत्याशी की बात करें तो 30,376 वोट मिले थे। नामांकन दाखिल करने के बाद अजित पवार ने कहा था कि बारामती से हम अच्छे वोट से जीतेंगे. हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। मैनें सुप्रिया सुले (बहन) के खिलाफ लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी (सुनेत्रा पवार) को खड़ा किया था, वह हमारी भूल थी. अभी वही गलती उन्होंने की है. बारामती का फैसला जनता करेगी। 

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