
Akhilesh Yadav on BJP Government : सपा अखिलेश यादव ने भाजपा और भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, भाजपा सरकार पहले ‘मुनाफ़ाखोरी’ घटाए और ‘भाजपाई चंदाखोरी’ मिटाए फिर महंगाई घटाने की बात करे. खाद्य तेल पर लगने वाले आयात शुल्क को घटाने का फ़ायदा जनता को भी मिलना चाहिए, न कि केवल घरेलू उत्पादकों की लागत घट रही है तो खुदरा मूल्य भी घटना चाहिए.
सपा चीफ ने कहा, भाजपा सरकार खाद्य सामग्री की लागत-लाभ के अनुपात को तार्किक रूप से जनता के पक्ष में तय कर दे मतलब जनहित में ये फ़ैसला ले कि एक निश्चित प्रतिशत से अधिक कोई भी खाद्य उत्पादक मुनाफ़ा नहीं कमाएगा, लेकिन इसके लिए पहले भाजपा सरकार को ये भी क़सम खानी पड़ेगी कि वो कम-से-कम खाद्य कंपनियों से तो ‘भाजपाई चंदा वसूली’ नहीं करेगी क्योंकि भाजपा जब कंपनियों से चंदा वसूलती है तब कंपनियाँ उस चंदा वसूली के पैसों को लागत का हिस्सा मानकर जनता से ही वसूलती हैं.
‘भाजपा अपनी चंदा वसूली बंद कर दे’
अखिलेश यादव ने निशाना साधते हुए कहा कि हर टैक्स और चंदा आख़िरकार जनता से ही वसूला जाता है. इसीलिए ‘भाजपाई चंदा’, टैक्स के अलावा जनता पर भाजपा की दोहरी मार बनता है और महंगाई का कारण भी. अब तो अर्थशास्त्रियों को विक्रय मूल्य में ‘भाजपाई चंदा वसूली’ को भी जोड़ने का नया गणितीय फ़ार्मूला बना लेना चाहिए. भाजपा अपनी चंदा वसूली बंद कर दे तो हर वस्तु और सेवा के दाम वैसे ही कम हो जाएंगे.”
अखिलेश यादव ने कहा, कहीं ऐसा तो नहीं कि ये दिखावटी आयात शुल्क कटौती बस कुछ ख़ास आयातकों और उत्पादकों के फ़ायदे के लिए ही है, जनता के लिए नहीं. चलो इससे ये बात तो साबित हुई कि भाजपा सरकार ने मान लिया है कि बेतहाशा महंगाई ने जनता की कमर तोड़ रखी है और अब अगर इस रिकॉर्ड तोड़ महंगाई को नहीं रोका गया तो जनता भाजपाइयों के घर के बाहर तेल के खाली डिब्बे बजाने लगेगी.
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