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Agoraphobia : क्या आप को भी लगता है भीड़ में डर? तो हो सकते है इस बिमारी के शिकार

Agoraphobia : मनुष्य में डर की भावना सामान्य है। मगर कभी – कभी यह बिमारी का रूप ले लेती है। बहुत से लोगों में ‘एगोराफोबिया’ नामक बिमारी पाई गई है। एगोराफोबिया में व्यक्ति का निजी जीवन डर से भर जाता है। इस बिमारी के चलते लोग भीड़ वाली जगह या किसी विशेष जगह पर जाने से डरने लगते है। उन्हें लगता है कि वह उस जगह पर फंस जाएंगे या फिर उन्हें मद्द् नहीं मिलेगी। एगोराफोबिया का मतलब है ‘भीड़ से डर लगना’।

एगोराफोबिया एक प्रकार का चिंता विकार है। यह लोग किसी विशेष स्थान के बारे में सोचने या वहां जाने, खासकर जिसके लिए वह मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार न हो, तो तनाव या चिंता के शिकार हो सकते है। जिस से सामान्य जीवन भी प्रभावित होता है। एगोराफोबिया काफी गंभीर होने पर लोग घर से बाहर नहीं जाते, इलाज न कराने पर मरीज सालों तक खुद को घर में ही बंद कर लेते है।

एगोराफोबिया के बारे में विशेषज्ञ का कहना है कि यह मस्तिष्क का वो क्षेत्र जो भय नियंत्रित करता है, उसके प्रभाव का अत्यधिक हो जाना इस बिमारी का कारण हो सकता है। इस विकार से ग्रस्त लोगों के लिए अपने डर पर काबू करना बहुत मुश्किल होता है और उन्हें बार – बार पैनिक अटैक आ सकते है।

किस स्थिती में एगोराफोबिया होने की संभावनाएं हैं?

पहले कभी शारीरिक या यौन उत्पीड़न का शिकार होना।
डिप्रेशन।
क्लस्ट्रोफोबिया (तंग स्थान से डर लगना)।
ओसीडी (ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर)।
सोशल फोबिया (समाजिक गतिविधियों से डरना)।

एगोराफोबिया के संकेत :

ऐसा लगना कि आपके आस-पास की चीज़ें असल में नहीं है।
लोगों से दूर या अलग रहना पसंद करते है।
अचानक से धड़कन तेज हो जाना।
बहारी कामों के लिए दूसरों पर निर्भर होने के लिए मजबूर रहना।
लोगों के डर से छाती में दर्द होना।

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