
Accused arrested : पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने लुधियाना जिले की अनाज मंडियों में करोड़ों के धान घोटाले के मामले में पनसप (लुधियाना) के पूर्व जिला मैनेजर (डी.एम.) जगनदीप सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार किया है। उल्लेखनीय है कि जगनदीप सिंह ढिल्लों ने आज लुधियाना की अदालत में आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
टेंडर्स के घोटाले में वांछित था
राज्य विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि जगनदीप सिंह ढिल्लों खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग में धान की ढुलाई से संबंधित टेंडर्स के घोटाले में वांछित था। इस संबंध में आरोपी समेत पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु और अन्य आरोपियों के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो के लुधियाना रेंज थाने में मामला किया था।
ड्यूटी से अनुपस्थित चल रहा था
उन्होंने आगे बताया कि ढिल्लों ने पहले 18 सितंबर 2023 को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत हासिल की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 16 जुलाई 2024 को उसकी जमानत के आदेश रद्द कर दिए थे। तब से ढिल्लों ड्यूटी से अनुपस्थित चल रहा था, जिसके कारण विभाग ने उसे नौकरी से निलंबित कर दिया था। इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो द्वारा उसे पकड़ने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे।
रिश्वत के बदले टेंडर आवंटित करवाए
प्रवक्ता ने आगे खुलासा किया कि जगनदीप सिंह ढिल्लों वर्ष 2020-21 की अवधि के दौरान जिला टेंडर समिति के सदस्य के रूप में घोटाले में शामिल कुछ ठेकेदारों के टेंडर्स को अस्वीकृत करने में विफल रहा। उसने कथित रूप से इन ठेकेदारों के साथ मिलकर रिश्वत के बदले उन्हें टेंडर आवंटित करवाए। इसके अलावा, ढिल्लों ने संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए कमीशन एजेंट (आढ़तियों) कृष्ण लाल और अनिल जैन की दुकानों से अनाज को उनके रिश्तेदारों के शैलरों में स्थानांतरित कर राज्य कस्टम मिलिंग नीति की धारा 12(जे) का उल्लंघन किया।
पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के प्रभाव के उपयोग का भी आरोप
उन्होंने बताया कि यह भी सामने आया कि आरोपियों में से कृष्ण लाल ने दूसरे राज्यों से 2000 से अधिक जूट के बोरे प्राप्त किए, जिनका उपयोग धान की ढुलाई के लिए किया गया। उन्होंने आगे बताया कि अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए ढिल्लों ने पनग्रेन के तत्कालीन जिला मैनेजर सह-अभियुक्त सुरिंदर बेरी के साथ मिलकर पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु के प्रभाव का उपयोग करते हुए लुधियाना जिले के गांव ललतों और धांदरा की अनाज मंडियों से संबंधित धान को किला रायपुर सेंटर की बजाय लुधियाना सेंटर की मंडियों में भेज दिया। जिक्र योग्य है कि यह हेराफेरी चावल मिलर्स से बड़ी रिश्वत लेने के इरादे से की गई थी।
3 रुपये से 10 रुपये प्रति बोरी रिश्वत ली
जांच के दौरान यह पाया गया कि ढिल्लों ने मनमाने तरीके से आवंटन के बदले चावल मिलर्स से 3 रुपये से 10 रुपये प्रति बोरी रिश्वत ली। इसके अलावा, उसने गेट पास की रजिस्ट्रेशन में हुई गड़बड़ियों को भी नजरअंदाज किया, जिसमें ट्रक के नंबरों की बजाय स्कूटर और मोटरसाइकिल के नंबर दर्ज थे। इस तरह उसने ठेकेदारों की मिलीभगत से गोदामों में रखे गए धान के स्टॉक में हेराफेरी की इस कार्रवाई को अंजाम दिया। उन्होंने आगे बताया कि लगातार छापेमारी और विजिलेंस ब्यूरो के बढ़ते दबाव के बाद ढिल्लों ने और कोई रास्ता न देखकर आज लुधियाना की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया और केस की आगे की जांच जारी है।
रिपोर्टः अमित कुमार, संवाददाता, चंडीगढ़
यह भी पढ़ें : Bihar : CM नीतीश ने जहानाबाद जिले में कई योजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास, निर्माणाधीन ROB का निरीक्षण, दिए निर्देश
Hindi Khabar App: देश, राजनीति, टेक, बॉलीवुड, राष्ट्र, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल, ऑटो से जुड़ी ख़बरों को मोबाइल पर पढ़ने के लिए हमारे ऐप को प्ले स्टोर से डाउनलोड कीजिए. हिन्दी ख़बर ऐप