UN के मुताबिक भारत के ये तीन गांव घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह, जानिए इनके बारे में

नई दिल्ली। ज्यादातर लोग शहर की चमक-दमक वाली लाइफ स्टाइल में रहने के बाद लोग गांव में जाना पसंद नहीं करते है। लेकिन मेघालय के कोंगथोंग गांव को यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन अवॉर्ड (United Nations World Tourism Organization Award) के लिए बेस्ट टूरिज्म विलेज की कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया है।
बता दें कि कोंगथोंग गांव के साथ ही भारत के दो और गांवों को भी शामिल किया गया है। यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन की सूची में मध्य प्रदेश के लाधपुर खास और तेलंगाना के पोचमपल्ली गांव को भी शामिल किया गया है। बता दें कि टूरिज्म डेस्टिनेशन के लिहाज से ये गांव पर्यटकों को काफी पसंद आते हैं।
सीएम शिवराज ने किया ये ट्वीट
मध्य प्रदेश के गांव को मिली इस उपलब्धि पर प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया और लिखा कि, मध्य प्रदेश के लाधपुरा खास गांव की बेस्ट टूरिज्म विलेज मे एंट्री हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है। लाधपुरा गांव को मिली इस उपलब्धि के लिए मध्य प्रदेश टूरिज्म और प्रशासन की पूरी टीम को मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं। इसी तरह बेहतर काम करते रहें।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश का लाधपुरा गांव टीकमगढ़ जिले की ओरछा तहसील में आता है। टूरिज्म एंड कल्चर के प्रमुख सचिव शेखर शुक्ला ने इस बारे में बताया कि राज्य में चल रहे ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत अगले पांच सालों में 100 गावों को डेवलप किया जाएगा।
इसी तरह से यूनाइटेड नेशन्स वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गेनाइजेशन की ओर से मेघालय के कोंगथोंग गांव को बेस्ट टूरिज्म विलेज की कैटेगरी में नॉमिनेट किए जाने पर मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने खुशी जताई है। संगमा ने इसबारे में अपनी खुशी जाहिर करते हुए लिखा कि, मेघालय का कोंगथोंग गांव को भारत के दो अन्य गांवों के साथ UNWTO की बेस्ट टूरिज्म विलेज की सूची में शामिल किया गया है।
बता दें कि कोंगथोंग गांव शिलांग से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कोंगथोंग गांव अपने प्राकृतिक सौंदर्य और विशिष्ट संस्कृति के लिए जाना जाता है। इस गांव को व्हिस्लिंग विलेज के नाम से भी जाना जाता है। यह उन 12 गांवों में शामिल है जहां पर किसी भी बच्चे के जन्म के साथ उसे एक विशेष प्रकार की ध्वनि’ से जोड़ दिया जाता है। यह ध्वनि बच्चे के साथ जीवनभर जुड़ी रहती है।