Punjab

12वां क्षेत्रीय 3 आर और एशिया-प्रशांत में परिपत्र अर्थव्यवस्था फोरम संपन्न

Patiala : एशिया और प्रशांत क्षेत्र में तीन दिवसीय 12वां क्षेत्रीय 3आर (Reduce, Reuse, Recycle) और परिपत्र अर्थव्यवस्था फोरम पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। यह अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम जयपुर, राजस्थान में आयोजित हुआ, जिसमें पंजाब सरकार के 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया।

इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे:

डॉ. नरेश भारद्वाज (परियोजना निदेशक, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्थानीय सरकार, पंजाब), कुंदन गोगिया (मेयर, नगर निगम पटियाला), डॉ. रजत ओबराय (कमिश्नर, नगर निगम पटियाला), विनीत धीर (मेयर, नगर निगम जालंधर), पटियाला को बनाएंगे और सुंदर – मेयर गोगिया

इस अवसर पर संबोधित करते हुए पटियाला के मेयर कुंदन गोगिया ने कहा कि पटियाला “बागों का शहर” है और यह धार्मिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों का केंद्र है। उन्होंने कहा कि हम अपने शहर को जयपुर की तरह और बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे।

उन्होंने जयपुर के स्थानीय प्रशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस बार जयपुर पिछले साल की तुलना में और अधिक सुंदर और स्वच्छ दिखाई दिया।

परिपत्र अर्थव्यवस्था: आज की जरूरत और भविष्य का समाधान

मेयर कुंदन गोगिया ने कहा कि परिपत्र अर्थव्यवस्था (Circular Economy) न केवल आज की जरूरत है, बल्कि यह हमारे भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता का नुकसान और प्रदूषण जैसे मुद्दे पृथ्वी के लिए बड़ी चुनौतियां पैदा कर रहे हैं और परिपत्र अर्थव्यवस्था इन चुनौतियों से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका है।

उन्होंने आगे कहा कि यह एक ऐसी प्रणाली है, जहां संसाधनों का पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण (Recycling) किया जाता है, जिससे ऊर्जा की खपत कम होती है और सतत ऊर्जा (Integral Energy) को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इस कार्यक्रम से मिले अनुभवों को पटियाला शहर को और सुंदर बनाने के लिए प्रभावी रूप से लागू करेंगे।

पटियाला में कचरा प्रबंधन और सफाई में सुधार

डॉ. रजत ओबराय (कमिश्नर, नगर निगम पटियाला) ने कहा कि हम पटियाला शहर में संसाधनों के पृथक्करण (Resource Segregation), कचरे की प्रोसेसिंग और सफाई में सुधार करने और एक सुंदर शहर बनाने के लिए एक कार्य योजना तैयार कर रहे हैं।

फोरम में 38 देशों के 1000 प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा

गौरतलब है कि यह फोरम मुख्य रूप से 3R (Reduce, Reuse, Recycle), स्रोत पृथक्करण (Source Segregation), अपशिष्ट प्रबंधन (Waste Processing), सीवरेज प्रबंधन और परिपत्र अर्थव्यवस्था एवं शहरी स्वच्छता पर आधारित था।

इसमें ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, पाकिस्तान, कोरिया, सिंगापुर, न्यूजीलैंड सहित कुल 38 देशों के 1000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बार भारत को इस फोरम की मेजबानी करने का अवसर मिला।

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