क्या होता है बायपास चार्जिंग, स्मार्टफोन में कैसे करता है काम?

क्या होता है बायपास चार्जिंग
Bypass Charging : इस समय स्मार्टफोन में बायपास चार्जिंग फीचर एक हॉट टॉपिक बना हुआ है। जो कि काफी ट्रेंड कर रहा है। तो आइए जानते हैं आखिर क्या है ये बायपास चार्जिंग? जिसे प्रीमियम स्मार्टफोन में दिया जा रहा है। दरअसल गूगल की तरफ से पहली बार दिसंबर 2024 में पिक्सल स्मार्टफोन में नए बायपास चार्जिंग को पेश किया गया था। इस फीचर को आज के वक्त में महंगे स्मार्टफोन में दिया जाता है। खासतौर पर वो स्मार्टफोन जिसे गेमिंग सेंट्रिक बनाया गया है। अर्थात यह फीचर खसतौर पर गेमर्स के लिए है। गेमिंग के दौरान चार्जिंग से भी फोन गर्म हो जाता है। इसलिए चार्जिंग के दौरान गेमिंग गंभीर हीटिंग का खतरा हो जाता है।
क्या है स्मार्टफोन बायपास चार्जिंग फीचर
Bypass Charging एक तकनीक है, इसमें पावर सीधे एडॉप्टर से आती है। जबकि नॉर्मल चार्जर में एडॉप्टर से फोन की बैटरी चार्ज होती है। इसके बाद फोन की बैटरी से पावर सप्लाई होती है। लेकिन इस टेक्नोलॉजी में एडॉप्टर बैटरी चार्ज न करके सीधे स्मार्टफोन को पावर सप्लाई करता है। बैटरी को बायपास करने से बार-बार चार्जिंग का लोड कम होता है, जिससे बैटरी लंबे समय तक चलती है।
हम इसे दूसरे शब्दों में समझते हैं, बाईपास चार्जिंग का मतलब है कि जब आपका फोन चार्जिंग पर हो और आप उसे इस्तेमाल कर रहे हों, तो चार्जर से आने वाली बिजली सीधा फोन के हार्डवेयर (जैसे प्रोसेसर, डिस्प्ले, कैमरा आदि) को चलाने में लगती है, और बैटरी को चार्जिंग या डिसचार्जिंग का ज्यादा लोड नहीं उठाना पड़ता।
इसे एक उदाहरण से समझते हैं:
मान लीजिए, आपका फोन चार्जिंग पर लगा है और आप उसमें गेम खेल रहे हैं।
- बिना बाईपास चार्जिंग के – बैटरी पहले चार्ज होती है और फिर वही बैटरी फोन को पावर देती है। इससे बैटरी गर्म होती है और जल्दी खराब हो सकती है।
- बाईपास चार्जिंग के साथ – चार्जर से बिजली सीधे फोन के प्रोसेसर और अन्य कंपोनेंट्स को दी जाती है, जिससे बैटरी पर कम लोड आता है।
बाईपास चार्जिंग कब काम करती है?
- जब फोन चार्जिंग पर हो और आप हाई-परफॉर्मेंस टास्क कर रहे हों (जैसे गेमिंग, वीडियो एडिटिंग, लाइव स्ट्रीमिंग)।
- बैटरी का स्तर (Battery Percentage) एक खास सीमा तक पहुँच जाता है (जैसे कुछ फोन में 20% से ऊपर या 80% के बाद)।
बायपास चार्जिंग के फायदे
इस टेक्नोलॉजी के दो बड़े फायदे हैं। पहला स्मार्टफोन एडॉप्टर सीधे स्मार्टफोन को पावर सप्लाई करता है। ऐसे में बैटरी पर गैरजरूरी चार्जिंग का दबाव नहीं पड़ता है। इससे फोन की बैटरी ज्यादा लंबी वक्त तक चलती है। दूसरी, गेमिंग के दौरान बैटरी को हीटिंग जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। तीसरा, इस फीचर को लैपटॉप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
ऐसे इनबेल कर पाएंगे फोन
पिक्सल स्मार्टफोन में बायपास चार्जिंग सपोर्ट दिया जाता है। ऐसे में अगर आपका स्मार्टफोन 80 फीसदी तक चार्ज हो जाता है, आप फोन को बायपास चार्जिंग मोड में शिफ्ट किया जा सकता है। हालांकि सैमसंग गैलेक्सी S24 Ultra पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। इस फीचर को वीडियो गेमिंग के दौरान इनबेल्ड किया जा सकता है।
किन डिवाइस में यह फीचर होता है?
- यह फीचर ज्यादातर गेमिंग फोन (Asus ROG, iQOO, RedMagic आदि) और कुछ प्रीमियम स्मार्टफोन में दिया जाता है।
- इसे “Bypass Charging”, “Direct Charging”, या “Passthrough Charging” के नाम से भी जाना जाता है।
अगर आपके फोन में यह फीचर है, तो इसे सेटिंग्स → बैटरी → बाईपास चार्जिंग में जाकर ऑन कर सकते हैं (अगर उपलब्ध हो)।
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