Delhi HC: ED मनमर्जी से लोगों को नहीं कर सकता है अरेस्ट

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Delhi HC: दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार, 19 अक्टूबर को कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा-19 के तहत किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने की प्रवर्तन निदेशालय की शक्ति अनियंत्रित नहीं है और ईडी अपनी इच्छानुसार किसी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर सकता है। न्यायमूर्ति अनुप जयराम भंभानी ने कहा कि किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने से पहले जांच एजेंसी को तीन गुना जरूरतों का पालन करना होगा।

Delhi HC: गिरफ्तार करने से पहले करे सुनिश्चित

कोर्ट ने कहा कि “सबसे पहले, प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक को एक उचित विश्वास रखना चाहिए कि गिरफ्तार किया गया व्यक्ति पीएमएलए के तहत अपराध का दोषी है, न कि किसी अन्य अधिनियम के तहत; दूसरे, ऐसे विश्वास के कारणों को लिखित रूप में दर्ज किया जाना चाहिए; और तीसरा, ऐसा विश्वास उस तथ्य पर आधारित होना चाहिए जो जांच एजेंसी के पास है,”।   कोर्ट ने यह भी कहा कि पीएमएलए की धारा-50 के तहत समन जारी करने की ईडी की शक्तियों में गिरफ्तारी की शक्तियां शामिल नहीं हैं।

अग्रिम जमानत के लिए कर सकते है आवेदन

जस्टिस अनुप जयराम भंभानी ने आगे कहा कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी की आशंका पर व्यक्ति अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि एक व्यक्ति सीआरपीसी की धारा-438 के तहत गिरफ्तारी और आरोप दोनों से पहले राहत मांग सकता है।

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