चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन पर टिकीं है अमेरिका-रूस की निगाहें : जितेंद्र सिंह

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JammuKashmir: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने चंद्रयान-3 और आदित्य L1 मिशन की सफलता का श्रेय सार्वजनिक व निजी भागीदारी के द्वारा अंतरिक्ष के क्षेत्र को खोलने की पीएम मोदी की नीति को दिया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अमेरिका और रूस इन परियोजनाओं को लेकर भारत द्वारा जानकारी शेयर किए जाने का इंतजार करते हैं।

जितेन्द्र सिंह ने क्या कहा?

केंद्रीय मंत्री सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि चंद्रयान-3 और आदित्य L1 मिशन भारत में तेजी से होते विकास का प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि हमारे मिशन तकरीबन एक साथ शुरू हुए। चंद्रयान-3 का सबसे अच्छा पहलू चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव पर उतरना था, जहां पर अभी तक कोई नहीं पहुंचा। हम वायुमंडल, खनिज और तापीय स्थितियों पर आंकड़ा इकट्ठा कर रहे हैं। और निष्कर्षों का एनालिसिस कर रहे हैं।

चंद्रयान-3 ही जल के अस्तित्व का सबूत लेकर आया

जितेंद्र सिंह ने कहा कि दुनिया के स्तर पर, खास रूप से अमेरिका और रूस में भारत से मिलने वाली जानकारी को लेकर काफी उत्सुकता रहती है। सिंह ने कहा कि अमेरिका और रूस ने भारत से बहुत पहले अंतरिक्ष के क्षेत्र में यात्रा शुरू की थी। जितेंद्र सिंह ने कहा कि अमेरिका ने 1969 में चंद्रमा पर पहली बार मनुष्य उतारा था। किंतु, चंद्रयान-3 ही जल के अस्तित्व का सबूत लेकर आया। यह जीवन की संभावना के बारे में बताता है। यह जांच का महत्वपूर्ण क्षेत्र है।

NASA भी अब भारत का सहयोग मांग रहा है

जितेंद्र सिंह ने कहा कि NASA भी अब भारत का सहयोग मांग रहा है। सिंह ने कहा कि अमेरिका और रूस इस संबंध में भारत द्वारा जानकारी शेयर किए जाने का उत्सुकता से प्रतिक्षा कर रहे हैं।

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